समर्पण रेसिडेंशियल रिकवरी प्रोग्राम लांच
समर्पण रेसिडेंशियल रिकवरी प्रोग्राम लांचPankaj Pandey

महेश भट्ट और पूजा भट्ट ने समर्पण रेसिडेंशियल रिकवरी प्रोग्राम लांच किया

महेश भट्ट और पूजा भट्ट ने न सिर्फ समर्पण जैसे रिहैब सेंटर की जरूरत पर जोर दिया बल्कि नशे की आदत से उबरने की पूरी कहानी भी बताई जो तमाम शराबियों के लिए एक प्रेरणा और मोटिवेशन का काम करेगी।

राज एक्सप्रेस। एक वक्त था जब निर्देशक महेश भट्ट और उनकी एक्ट्रेस बेटी पूजा भट्ट नशे की बुरी लत के शिकार थे और यह दोनों अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और एक इमोशनल घटना की वजह से शराब की आदत से उबर पाए हैं। मुम्बई से सटे पुणे में जब पिछले दिनों नशा मुक्ति केंद्र "समर्पण" का उद्घाटन हुआ तो यहां चीफ गेस्ट के रूप में खुद महेश भट्ट और पूजा भट्ट मौजूद थे। इन्होंने यहां न सिर्फ समर्पण जैसे रिहैब सेंटर की जरूरत पर जोर दिया बल्कि नशे की आदत से उबरने की पूरी कहानी भी बताई जो तमाम शराबियों के लिए एक प्रेरणा और मोटिवेशन का काम करेगी। नशे की लत ज़िंदगी को कैसे उलझा देती है, इन दोनों ने जब अपने दर्द और उस दर्द से उबरने की स्टोरी नरेट की तो खुद भी इमोशनल हो गए।

मुख्य अतिथि महेश भट्ट और पूजा भट्ट ने पुणे के पास शराब और ड्रग मुक्ति केंद्र "समर्पण" का शुभारंभ किया। यहां गेस्ट ऑफ ऑनर नरेंद्र ए. बलदोटा थे, जो बलदोटा समूह के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक हैं। महेश भट्ट, पूजा भट्ट और नरेंद्र ए. बलदोटा ने ऑफिशियल लॉन्च के लिए रिबन काटा।

जाने-माने मनोचिकित्सक डॉ. अजहर हकीम ने समर्पण की शुरुआत और इस पहल के रूप में मरीजों को दी जाने वाली सेवाओं और उपचार को साझा किया।

मार्टिन पीटर्स ने वर्ल्ड क्लास रिहैब प्रोग्राम की स्थापना के संबंध में जानकारी दी। नशा मुक्ति पर केंद्रित इस 28-दिवसीय कार्यक्रम में, क्लाइंट्स को पुणे के पास इस रिहैब सेंटर में रहना होगा, जहां वे एक आधुनिक और विशाल स्थान पे ठीक हो जाएंगे।

समर्पण एक कॉलोनी शैली की वास्तुकला में बनाया गया है जो आपको स्कॉटलैंड की याद दिलाता है, यह आपको सभी आधुनिक सुविधाएं प्रदान करता है और यह शहर की हलचल से दूर एक बहुत ही सुंदर वातावरण में स्थित है।

महेश भट्ट ने कहा कि समर्पण आशा की एक नई रोशनी है। सफलता और प्रसिद्धि की ऊंचाइयों पर पहुंचने के बाद भी, मुझे खालीपन का अहसास हुआ और मुझे शराब की लत लग गई। लेकिन एक दिन जब मेरी दूसरी बेटी शाहीन का जन्म हुआ तो मैं शराब पीकर घर आया। मुझे याद है कि मैंने अपनी बेटी को गोद में लिया था, उसने अपना मुंह फेर लिया क्योंकि मेरे मुंह से शराब की गंध आ रही थी। और उस एक पल ने मेरी जिंदगी बदल दी। तब से 34 साल हो गए हैं, और मैंने शराब का एक घूंट नहीं पिया है। जब मैं फिल्म डैडी की शूटिंग कर रहा था, तो मुझे एक बार लगा कि मुझे शराब पीनी चाहिए, किसी को पता नहीं चलेगा। लेकिन तभी अंदर से आवाज आई कि तुम दुनिया से झूठ बोलोगे, उस छोटी बच्ची से झूठ बोल सकते हो, लेकिन खुद से झूठ कैसे बोलोगे। इसलिए शराब से छुटकारा पाने के लिए आपको खुद कदम उठाने होंगे, और एक मजबूत इरादा रखना होगा। मुझे बहुत खुशी है कि नरेंद्र बलदोटा ने समर्पण जैसा केंद्र शुरू किया।

समर्पण के सीओओ डॉ. राहुल बाजपेयी ने मुझे और पूजा को इस कार्यक्रम का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया, इसलिए नहीं कि हम सेलिब्रिटी हैं, बल्कि इसलिए कि हम नशे की लत से उबर चुके हैं। दर्द से ही मोती चमकता है। मैं इससे जुड़े सभी लोगों को समर्पण जैसी सुविधा शुरू करने के लिए बधाई देता हूं।

पूजा भट्ट ने कहा कि आमतौर पर लोग मुझे एक्ट्रेस, फिल्ममेकर और एक्टिविस्ट के तौर पर पेश करते हैं। लेकिन मैं कहना चाहती हूं कि लोग कहें कि पूजा भट्ट शराब की लत से उबर चुकी हैं। लोग मुझे फिल्म डैडी की वजह से याद करते हैं जिसमें मैंने एक ऐसी लड़की की भूमिका निभाई थी जिसके पिता शराबी थे। असल जिंदगी में मेरे पिता महेश भट्ट के एक मैसेज ने मेरी जिंदगी बदल दी। मैं शराबी थी और भट्ट साहब ने मुझे मैसेज किया कि अगर तुम मुझसे प्यार करती हो तो तुम्हें खुद से प्यार करना चाहिए। उस दिन मैं भावुक हो गई और मैंने शराब छोड़ दी।

पूजा भट्ट ने आगे कहा कि मैंने शराब पीने की आदत को स्वीकार किया लेकिन लोग ऐसा नहीं करते, कोविड काल में मारपीट, एक-दूसरे का अपमान करने, मानसिक स्वास्थ्य, अवसाद, आत्महत्या के मामले बढ़े थे। जिस तरह से सुशांत सिंह राजपूत के केस को दिखाया गया, उससे लोग डर गए कि अगर हमने मदद मांगी तो हमें अपराधी समझ लिया जाएगा। आज समर्पण जैसे केंद्र की जरूरत है। अगर आप शराबी हैं तो आप अपराधी नहीं हैं। शराब की आदत वास्तव में एक बीमारी है और इसका बिना किसी शर्म के अन्य बीमारियों की तरह इलाज होना चाहिए। हमें ऐसा केंद्र चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि यह केवल एक ऐसा केंद्र हो, बल्कि और भी बनाया जाना चाहिए।

मानसिक स्वास्थ्य और नशे की आदत का सामना करने वालों की जरूरतों को समझते हुए, "समर्पण" आशा की एक किरण के रूप में उभरता है। समर्पण भारत का पहला रिहैब सेंटर है जो नशा-मुक्ति, मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण सेवाओं को शामिल करता है। समर्पण पूरी तरह से मरीज की पहचान गोपनीय रखते हुए, स्वास्थ्य, योग, उचित आहार और ध्यान पर विशेषज्ञ के मार्गदर्शन द्वारा मनोचिकित्सा और काउंसिलिंग के मिश्रण के माध्यम से समस्या का समाधान करना चाहता है।

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