राज एक्सप्रेस। 15 अगस्त 2019 को अक्षय कुमार की फिल्म मिशन मंगल रिलीज होने जा रही है। इस फिल्म में अक्षय कुमार के साथ तापसी पन्नू, शरमन जोशी, विद्या बालन, कीर्ति कुल्हारी, सोनाक्षी सिन्हाम, नित्या मेनन, संजय कपूर जैसे कलाकार मुख्य भूमिका में हैं। मिशन मंगल को जगन शक्ति ने डायरेक्ट किया है। आपको बता दें कि, मिशन मंगल सच्ची घटना पर आधारित है। इस फिल्म में भारत की उन महिलाओं का जिक्र किया है, जो इस मिशन का हिस्सा रही थी और इसके साथ ही महिलाओं ने ये साबित कर दिया था कि, महिलाएं किसी से काम नहीं है और ऐसा कोई काम नहीं है, जो महिलाएं नहीं कर सकती हैं।
क्या था मंगल यान मिशन :
सबसे पहले हम आपको ये बताते हैं कि, मंगलयान मिशन क्या था। बता दें कि, 5 नवंबर 2013 को मंगलयान उपग्रह लांच किया गया था। जो की 24 सितंबर 2014 को मंगल की कक्षा में पंहुचा था। ये भारत के पहले मंगल अभियान मार्स ऑर्बिटर मिशन पर आधारित है। ये एक स्पेस क्राफ्ट है और इस मिशन में खास बात ये थी कि, इसमें 27 % काम महिलाओं ने ही संभाला था। आज हम आपको उन्हीं रियल महिला साइंटिस्ट के बारे में बताने जा रहें हैं, जिन्होंने मंगलयान मिशन में अपना योगदान दिया था।
कौन है वो महिलाएं जिन्होंने मंगलयान में अपना सहयोग दिया :
1. मंगलयान मिशन की प्रोजेक्ट डायरेक्टर मीनल रोहित :
मीनल रोहित मंगलयान मिशन की प्रोजेक्ट डायरेक्टर पोस्ट पर अपॉइंट रहीं थीं। जिसमें उन्होंने मीथेन सेंसर बनाने का काम किया था। इस मिशन में उन्होंने अपनी टीम के साथ एक कमरे में 18-18 घंटे काम किया है। इस समय वो इसरो में सिस्टम इंजिनियर हैं।
2. पहली सेटेलाइट प्रोजेक्ट डायरेक्टर टीके अनुराधा :
टीके अनुराधा 1982 में सीनियर साइंटिस्ट के तौर पर जुड़ी हुई हैं। यह पहली महिला हैं, जिन्हें सेटेलाइट प्रोजेक्ट का डायरेक्टर बनने का गौरव हासिल हुआ। जीसैट-12, जीसैट-10 की लॉन्चिंग इन्हीं के देख-रेख में हुई थी।
3. रॉकेट वुमन ऑफ इंडिया रितु करिधल :
लखनऊ की रहने वाली रितु ने इंडियन इंस्टीट्यूट से इसरो स्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर्स की पढ़ाई की है। रितु करिधल रॉकेट वुमन ऑफ इंडिया के नाम से भी जानी जाती हैं। इन्हें साल 2007 में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों से इसरो यंग साइंटिस्ट का पुरस्कार मिल चुका है और मिशनयान में अपना योगदान देने के साथ-साथ इन्होंने मिशन चंद्र यान 2 में भी अपना योगदान दिया है।
4. मंगल मिशन की प्रोजेक्ट डायरेक्टर मोमिता दत्ता :
मोमिता दत्ता मंगल मिशन में प्रोजेक्ट मैनेजर रहीं थीं। उन्होंने मंगल पर जाने वाले पेलोड पर काम किया था। इस समय वो अपनी टीम के साथ मेक इन इंडिया का हिस्सा हैं। जो की ऑप्टिकल साइंस की दिशा में काम कर रहीं हैं।
5. मंगलयान मिशन की डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर नंदिनी हरिनाथ :
मंगलयान मिशन की डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर नंदिनी हरिनाथ का साइंस में इंट्रस्ट टीवी सीरीज देखकर पैदा हुआ। इससे पहले उन्होंने भारत के पहले रडार, इमेजिंग सैटेलाइट रिसैट-1 में ऑपरेशन डायरेक्टर में भूमिका भी अदा की है और वो 20 साल से इसरो से जुड़ी हुई हैं।इसके साथ ही उन्होंने 14 मिशन में अहम भूमिका अदा की है।
6. एन वलारमती :
इसरो में सेटेलाइट की लॉन्चिंग की सारी देख-रेख एन वलारमती के हाथ में होती है। यह भारत के पहली रडार, इमेजिंग सैटेलाइट रिसैट-1 की प्रोजेक्ट डायरेक्टर रह चुकी हैं। इसके साथ ही ये पहली महिला है, जिन्हें तमिलनाडू की तरफ से अब्दुल कलाम अवार्ड दिया गया था। इसी के साथ ये इनसैट 2 ए, और अन्य उपग्रह मिशन में भी शामिल रह चुकी हैं।
7. इसरो की कंप्यूटर वैज्ञानिक कीर्ति फौजदार :
इसरो की कंप्यूटर वैज्ञानिक कीर्ति फौजदार उपग्रह को उनकी सही कक्षा में स्थापित करने के लिए मास्टर कंट्रोल फैसिलिटी का काम करती हैं। वो और उनकी टीम उपग्रह व अन्य मिशन पर अपनी लगातार नजर बनाए रखती हैं और कुछ भी गलत होने पर वो अपना काम सुधारती भी हैं और बिना डरे शांति से काम करती हैं।
8. भारत की मिसाइल महिला टेसी थॉमस :
भारत की मिसाइल महिला के नाम से मशहूर टेसी थॉमस ने मिशन मंगलयान में अपना बहुत बड़ा योगदान दिया है। अग्नि-4 और अग्नि-5 मिशन में भी वो शामिल रहीं हैं। इसी के साथ ही डीआर, डीओ के लिए तकनिकी कार्य करती थीं। ये हैं वो जांबाज महिलाएं जिनपर अक्षय कुमार की फिल्म मिशन मंगल बनी है।
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