अमित शाह ने किया ऐलान पूरे देश में लाएंगे NRC
राज एक्सप्रेस। भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने बयान दिया कि एनआरसी की प्रक्रिया जब पूरे देश में लागू की जायेगी तब असम में एनआरसी की प्रक्रिया दोहराई जायेगी। किसी भी धर्म के लोगों को किसी भी तरह से डरने की जरूरत नहीं है। सभी को एनआरसी के अंदर समाहित करने की व्यवस्था की जायेगी। अमित शाह के इस बयान के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री पर पलटवार करते हुए कहा कि, हम एनआरसी को बंगाल में लागू नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि, कोई भी बंगाल में रहने वाले किसी भी शख्स की नागरिकता नहीं छीन सकता है। हम हिंदू और मुस्लिमों के आधार पर नहीं बांटते हैं।
बता दें, राज्यसभा में बयान देते हुए अमित शाह ने कहा कि, "असम में एनआरसी की प्रक्रिया हाथ में ली गई थी। एनआरसी की प्रक्रिया जब पूरे देश में होगी तो असम में एनआरसी की प्रक्रिया फिर से की जाएगी। किसी भी धर्म के लोगों को डरने की जरूरत नहीं है।" राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में पूछे गए सवाल के जवाब के तौर पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे। इसी दौरान गृह मंत्री ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल के मध्य के अंतर को भी स्पष्ट किया।
गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया कि, एनआरसी और सिटीजनशिप अमेडमेंट बिल दोनों अलग-अलग चीजें हैं। लेकिन सरकार मानती है कि भारत में बाहर से आये सभी धर्मो के शरणार्थी भारत के ही नागरिक है और उन्हें भारत की नागरिकता मिलने का अधिकार है। इसीलिए सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल लाकर हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और क्रिश्चियन सभी धर्म के शरणार्थी जो धार्मिक प्रताड़ना के कारण बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से देश में आए हैं उनको उस बिल के अंतर्गत नागरिकता दी जाएगी।सिटीजनशिप अमेडमेंट बिल वापस लाया जाएगा परंतु इसका एनआरसी से कोई संबंध नहीं है। अब देखते की क्रेंद और प्रदेश की राजनीति में कौन विजयी होता है।
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