आपातकाल की 45वीं बरसी पर अमित शाह ने कांग्रेस को जमकर कोसा

आपातकाल की 45वीं बरसी पर अमित शाह ने कांग्रेस को कोसते हुए कहा-45 साल पहले इस दिन सत्ता के लालच में एक परिवार ने देश में आपातकाल लागू कर दिया, साथ ही कहा आपातकाल जैसी विचारधारा अभी भी पार्टी में क्यों
आपातकाल की 45वीं बरसी पर अमित शाह ने कांग्रेस को जमकर कोसा
आपातकाल की 45वीं बरसी पर अमित शाह ने कांग्रेस को जमकर कोसाPriyanka Sahu -RE

आपातकाल की 45वीं बरसी : देश के इतिहास में आज की तारीख यानी 25 जून एक विवादास्‍पद फैसले के लिए याद की जाती है, क्‍योंकि 25 जून, 1975 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू किया था, जो भारतीय लोकतंत्र का सबसे दुःखद अध्याय है और आज आपातकाल के ऐलान की 45वीं बरसी है, इस दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है।

सत्ता के लालच में देश में आपातकाल लागू :

आपातकाल के ऐलान की 45वीं बरसी के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज अपने ट्विटर पर कई ट्वीट साझा किए और कांग्रेस पार्टी को कोसते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी। आपातकाल को याद करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ''45 साल पहले इस दिन सत्ता के लालच में एक परिवार ने देश में आपातकाल लागू कर दिया। रातों रात राष्ट्र को जेल में बदल दिया गया, प्रेस, अदालतें, मुक्त भाष ... सब खत्म हो गए, गरीबों और दलितों पर अत्याचार किए गए।''

इसके बाद अगले ट्वीट में अमित शाह ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए ये बात भी लिखी- लाखों लोगों के प्रयासों के कारण आपातकाल हटा लिया गया था। भारत में लोकतंत्र बहाल हो गया था, लेकिन कांग्रेस में लोकतंत्र बहाल नहीं हो पाया। एक परिवार के हित पार्टी के हितों और राष्ट्रीय हितों पर हावी थे, यह खेदजनक स्थिति आज की कांग्रेस में भी पनपती है।

अमित शाह ने तीसरे ट्वीट में लिखा :

इस दौरान कांग्रेस वर्किंग कमेटी का जिक्र करते हुए अमित शाह ने ये भी कहा कि, ''सीडब्ल्यूसी की हालिया बैठक के दौरान कुछ सदस्यों ने कुछ मुद्दों को उठाया, लेकिन उन पर चिल्ला गया और उनकी आवाज को दबा दिया गया, पार्टी के एक प्रवक्ता को बिना सोचे समझे बर्खास्त कर दिया गया, दुखद सच्चाई यह है कि कांग्रेस में नेता घुटन महसूस कर रहे हैं।''

इसी के बाद शाह ने चौथे ट्वीट में कहीं ये बात :

भारत के विपक्षी दलों में से कांग्रेस को खुद से कुछ सवाल पूछने की जरूरत है। आपातकाल जैसी विचारधारा अभी भी क्यों पार्टी में है? ऐसे नेता जो एक वंश के नहीं हैं, बोलने में असमर्थ क्यों हैं? कांग्रेस में नेता क्यों निराश हो रहे हैं? अगर वह सवाल नहीं पूछते हैं तो लोगों से उनका जुड़ाव और कम हो जाएगा।

गृह मंत्री अमित शाह

बता दें कि, आपातकाल यानी इमरजेंसी को स्‍वतंत्र भारत के इतिहास का सबसे विवादास्‍पद और गैर लोकत्रांतिक फैसला माना जाता है और तत्कालीन राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी की सिफारिश पर भारतीय संविधान की धारा 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा की थी, जिसके चलते 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक यानी 21 महीने के लिए देश में आपातकाल लगाया गया था।

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