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PACS और CSC दोनों एक हो रहे, इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नवीन ऊर्जा और नई ताकत मिलेगी: अमित शाह

CSC सेवाओं के शुभारंभ पर राष्ट्रीय महासंगोष्ठी 2023 आयोजित हुई, इस दौरान अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा, आज मोदी जी के दो महत्वपूर्ण संकल्पों का एक सुभग समन्वय हो रहा है।

हाइलाइट्स :

  • CSC सेवाओं के शुभारंभ पर राष्ट्रीय महासंगोष्ठी 2023 आयोजित

  • CSC सेवाओं के शुभारंभ कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गृह मंत्री अमित शाह

  • PACS मजबूत नहीं होते सहकारिता आंदोलन खड़ा ही नहीं हो सकता: शाह

दिल्‍ली, भारत। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज शुक्रवार को PACS द्वारा CSC सेवाओं के शुभारंभ पर आयोजित राष्ट्रीय महासंगोष्ठी 2023 को संबोधित किया।

राष्ट्रीय महासंगोष्ठी 2023 को संबोधित कर अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा- आज मोदी जी के दो महत्वपूर्ण संकल्पों का एक सुभग समन्वय हो रहा है। पहला डिजिटल इंडिया के माध्यम से भ्रष्टाचार को समाप्त कर सरकार की सुविधाओं को गरीब के घर के दरवाजे तक पहुँचाने के लिए शुरू किया CSC, और दूसरा सहकारिता मंत्रालय की रचना कर पैक्स से लेकर अपैक्स तक पूरे सहकारिता तंत्र को मजबूत कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का संकल्प, आज दोनों संकल्प इकट्ठे हो रहे हैं। अगर सहकारिता आंदोलन को मजबूत करना है तो इसकी सबसे छोटी इकाई PACS को सबसे पहले मजबूत करना होगा। जब तक PACS मजबूत नहीं होते सहकारिता आंदोलन खड़ा ही नहीं हो सकता। इसलिए मोदी सरकार PACS को आधुनिक व पारदर्शी बना कर उनकी जबवाबदेही सुनिश्चित कर रही है।

“Minimum Government, Maximum Governance: with last mile delivery but without corruption” इस सूत्र को चरितार्थ करने के लिए CSC से बड़ा कोई साधन नहीं है। आज भारत सरकार और राज्य सरकारों की 300 से अधिक छोटी-छोटी लाभार्थी योजनाओं को CSC से जोड़ा गया है। अगर इन योजनाओं को छोटे-छोटे किसानों व गरीबों तक पहुँचाना है तो PACS से बड़ा कोई जरिया नहीं हो सकता। आज PACS और CSC दोनों एक हो रहे हैं। इससे गरीबों की सुविधाओं में बढ़ोतरी तो होगी ही, साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नवीन ऊर्जा और नई ताकत मिलेगी।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

  • PACS और CSC को जोड़ हम देश के maximum potential का उपयोग देश के विकास के लिए कर सकते हैं। कल तक लगभग 17,176 PACS ने अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया है, जिसमे से 6670 PACS ने लेनदेन भी शुरू कर दी है। आने वाले एक से दो सप्ताह में बाकी PACS भी शुरू हो जाएंगे। इससे लगभग 13-14 हजार ऑपरेटर के रूप में युवाओं को रोजगार मिलेगा।

  • जब देश के लगभग 60-65% जनसँख्या गांवों में बसती है तब ‘सहकार से समृद्धि’ के मंत्र से हमें ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने के साथ-साथ उसे diversify करने का भी प्रयास करना है। PACS ग्रामीण अर्थव्यवस्था के डायवर्सिफिकेशन के साथ-साथ ग्रामीण नागरिकों तक भ्रष्टाचार से मुक्त सेवाओं को पहुँचाने के लिए अब CSC के माध्यम से भी काम करेगा।

  • मोदी सरकार ने PACS का कम्प्यूटरीकरण किया, PACS को मल्टी-पर्पज बनाया, बीज/ऑर्गेनिक/निर्यात बहु-राज्य समितियों की स्थापना की, सबसे बड़ी खाद्यान्न भंडारण योजना शुरू की, फार्म से ग्लोबल मार्किट कनेक्ट करने के लिए PACS को FPOs से जोड़ा, अब PACS को LPG, पेट्रोल तथा डीजल रिटेल लाइसेंस मिल रहा है, जन औषधि केंद्रों के रूप में मान्यता मिली और प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र के रूप में नियुक्त करने जैसे अनेक कदम उठाये गए हैं। इससे PACS ग्रामीण अर्थव्यवस्था की आत्मा बन और समृद्ध होंगे। PACS समृद्ध होता है तो किसान भी समृद्ध होता है।

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