बाल विकास मानव विकास की बुनियाद है : मदन सहनी
बाल विकास मानव विकास की बुनियाद है : मदन सहनीSocial Media

बाल विकास मानव विकास की बुनियाद है : मदन सहनी

प्ले स्कूल में बच्चों को स्कूल जाने लायक बनाया जाता है अर्थात शैक्षणिक क्षेत्र की यह पहली सीढ़ी होती है इसीलिए इस पर बच्चे डगमगाए नहीं इसका ख्याल रखना जरूरी है।

दरभंगा, बिहार। प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने कहा है कि प्रारंभिक बाल विकास मानव विकास की बुनियाद है, ऐसे में बच्चों में शिक्षा के प्रति आकर्षण लाना आवश्यक है। श्री सहनी ने रविवार को यहां एक निजी प्ले स्कूल के शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं आंगनवाड़ी केंद्रों में गरीब तबके के 3 वर्ष से 6 वर्ष की आयु के बच्चों को अनौपचारिक विद्यालय पूर्व शिक्षा प्रदान कराया जाता है।

उन्होंने कहा कि यह प्ले स्कूल भी लगभग उसी तर्ज पर काम करता है अंतर यह है कि यहां अमीरों के बच्चे पढ़ते हैं। उन्होंने शिक्षकों का आह्वान किया कि बच्चों में शैक्षणिक विकास के साथ-साथ उनके शारीरिक एवं मानसिक विकास पर भी ध्यान दिया जाना जरूरी है।

मंत्री ने कहा कि बिहार में आंगनबाड़ी केंद्रों में 0 से 6 वर्ष के बच्चों की पोषण और स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार लाना मुख्य उद्देश है। आंगनवाड़ी केंद्रों में ही बच्चों के शारीरिक और सामाजिक विकास के साथ-साथ शैक्षणिक विकास का नींव रखा जाता है। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों में मां को उचित पोषण और स्वास्थ्य की शिक्षा देने के साथ-साथ बाल विकास को बढ़ावा देना भी मुख्य कार्य होता है। उन्होंने कहा कि अनौपचारिक विद्यालय पूर्व शिक्षा प्रदान करना बच्चों के आरंभिक छण के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि इसी दौरान सामाजिक, भावनात्मक, भाषागत, शारीरिक विकास और आजीवन अधिगम की नींव भी पड़ती है।

श्री सहनी ने कहा कि राज्य सरकार आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों के पोशाक के लिए मिलने वाली राशि को बढ़ाने पर विचार कर रही है अभी बच्चों को पोशाक के लिए 4 सौ रूपये की राशि मिलती है जिसे 600 करने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

इस अवसर पर बिहार सरकार के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री ललित कुमार यादव ने कहा कि अभिभावकों के लिए बच्चों के जीवन के प्रारंभिक स्तर पर भी ध्यान दिया जाना काफी महत्वपूर्ण कार्य होता है। उन्होंने कहा कि बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास जरूरी है। उन्होंने बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि निजी क्षेत्र के विद्यालयों के शिक्षक अभिभावकों के साथ मिलकर बच्चों का संपूर्ण विकास ईमानदारी से करें। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से सोशल की बहुत सारी शिकायतें मिलती है तो मैं इस विद्यालय से यह आशा रखता हूं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित यह विद्यालय इन आरोपों से मुक्त रहे। उन्होंने कहा कि प्ले स्कूल में बच्चों को स्कूल जाने लायक बनाया जाता है अर्थात शैक्षणिक क्षेत्र की यह पहली सीढ़ी होती है इसीलिए इस पर बच्चे डगमगाए नहीं इसका ख्याल रखना जरूरी है।

राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित सेवानिवृत्त वरिष्ठ शिक्षका मधु उपाध्याय ने कहा कि प्ले स्कूलों में पौधों को पेड़ बनाने की जिम्मेदारी होती है ऐसे में प्ले स्कूल के शिक्षक एवं प्राचार्य अपने बेहतर माली होने का कौशल दिखाएं। प्ले स्कूल के प्राचार्य शिक्षाविद डॉ. सरोज कुमारी एवं निदेशक डॉ विष्णु भगत ने भी इस अवसर लोगो को संबोधित किया।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

Related Stories

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com