भारत। पूरे भारत में कोरोना का प्रकोप अब भी बढ़ रहा है। देश में अब तक कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 3 करोड़ से भी ऊपर पहुंच चुका है। हालांकि, इतने ही लोग कोरोना की जंग जीत कर अपने घर भी लौटे हैं। वहीं, देश में जारी वैक्सीनेशन के बीच भी कोरोना से बचने के सबसे अच्छा उपाय सावधानी से घर में रहना ही है, जहां लोग घरों से बाहर निकलते हैं और भीड़ लगाते है वहां कोरोना का खतरा बढ़ जाता है। पिछले कुछ समय में पाबंदियां खत्म होने के बाद अब एक बार फिर मामलों में बढ़त दर्ज की जा रही है। जिनको मद्देनजर रखते हुए केंद्र सरकार ने देशभर के 10 राज्यों में एक बार फिर सख्ती करने की सलाह दी है।
केंद्र सरकार का फैसला :
दरअसल, कोरोना से सावधानी रखने के लिए देश भर में लगातार 2 महीने से भी ज्यादा समय तक लॉकडाउन रहा परंतु आर्थिक नुकसान को देखते हुए सरकार ने देश को अनलॉक कर दिया था। इसके बाद कई राज्य की सरकारों ने अपने लेवल पर दोबारा लॉकडाउन का रास्ता चुन लिया था। इसके बाद राज्य सरकार ने भी राज्यों को अनलॉक कर दिया था, लेकिन अब देश में मामले तेजी से बढ़ते नजर आरहे है। यदि आज का आंकड़ा ही देखा जाए तो आज देशभर में 41 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। इन मामलों को मद्देनजर रखते हुए केंद्र सरकार ने 10 राज्यों में कोरोना की स्थिति की समीक्षा करते हुए सख्त पाबंदी की सलाह दी है।
इन 10 राज्यों में बढ़ रहे मामले :
बताते चलें, वर्तमान समय में सबसे ज्यादा पॉजिटिविटी रेट वाले 10 राज्यों में केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा, असम, मिजोरम, मेघालय, आंध्र प्रदेश और मणिपुर के नाम शामिल है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने इन्हीं राज्यों की कोरोना स्थिति की समीक्षा की। समीक्षा के लिए की गई बैठक में राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों ने कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए उठाए गए कदमों पर चर्चा की। समीक्षा बैठक में केंद्र सरकार ने फैसला लेते हुए कहा है कि, 'जिन जिलों में पिछले कुछ हफ्तों से कोरोना पॉजिटिविटी रेट 10% से ज्यादा है, वहां सख्त पाबंदियों लगाई जाएं। साथ ही इन जिलों में लोगों के घुलने-मिलने पर रोक लगाई जाए।' सरकार ने आगे कहा कि, 'अगर इन जिलों में पाबंदी नहीं लगाई गई तो स्थिति पहले से और खराब हो सकती है।'
केंद्र सरकार ने बताया :
केंद्र सरकार ने बताया है कि, 'ज्यादा पॉजिटिविटी रेट वाले 10 राज्यों में सामने आ रहे कोरोना के मामलों में से 80% मामले होम आइसोलेशन के हैं। इन राज्यों में जरूरत है कि सख्त कदम उठाए जाएं, ताकि मोहल्ले, कॉलोनियों या आस-पड़ोस में लोगों के मिलने-जुलने पर रोक लगे। अस्पताल में भर्ती मरीजों को समय से इलाज मिले।'
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