डॉ. नंदकुमार साय ने इस सीट से पेश की अपनी दावेदारी
डॉ. नंदकुमार साय ने इस सीट से पेश की अपनी दावेदारीSudha Choubey - RE

CG Election 2023: आदिवासी नेता डॉ. नंदकुमार साय ने इस सीट से पेश की अपनी दावेदारी

भाजपा से कांग्रेस ने प्रवेश करने वाले आदिवासी नेता डॉ. नंदकुमार साय ने भी अपनी दावेदारी पेश कर दी है। उन्होंने कांग्रेस सीट लैलूंगा विधानसभा सीट से अपनी दावेदारी पेश की है।

हाइलाइट्स-

  • विधानसभा चुनाव को लेकर इसकी तैयारियां तेज हो गई हैं।

  • विधानसभा चुनाव लड़ने आदिवासी नेता डॉ. नंदकुमार साय ने पेश की दावेदारी।

  • नंदकुमार साय ने कांग्रेस सीट लैलूंगा विधानसभा सीट से अपनी दावेदारी पेश की है।

  • नंद कुमार साय आदिवासी समाज के बहुत बड़े नेता हैं।

रायपुर, छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिकी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी है। एक तरफ जहां, भाजपा ने पूरी तैयारियां कर रही है, तो वहीं, कांग्रेस ने भी चुनाव को लेकर कमर कस ली है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के दावेदार अलग-अलग विधानसभा सीट से अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। हाल ही में भाजपा से कांग्रेस ने प्रवेश करने वाले CSIDC अध्यक्ष और आदिवासी नेता डॉ. नंदकुमार साय ने भी अपनी दावेदारी पेश कर दी है।

बता दें कि, नंदकुमार साय ने कांग्रेस सीट लैलूंगा विधानसभा सीट से अपनी दावेदारी पेश की है। डॉ. नंद कुमार साय ने ब्लॉक कांग्रेस कमेटी को दावेदारी का आवेदन सौंप दिया है। डॉ. नंदकुमार साय के कांग्रेस में प्रवेश करते ही वे किस विधानसभा सीट से अपनी दावेदारी पेश करेंगे ये बात चर्चा में बनी हुई थी। अब ये बात साफ हो गई है। नंदकुमार साय लैलूंगा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। नंद कुमार साय आदिवासी समाज के बहुत बड़े नेता हैं। जिससे उनकी यहां अच्छी पकड़ है। उन्हें लैलूंगा क्षेत्र से टिकिट मिलती है या नहीं ये लिस्ट आने के बाद ही पता चलेगा। बता दें कि, आगमी 6 सितंबर को कांग्रेस छत्तीसगढ़ में अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी करने वाली है।

कौन हैं नंदकुमार साय:

आपको बता दें कि, बीजेपी के एक प्रमुख आदिवासी चेहरा एवं उत्तरी छत्तीसगढ़ से ताल्लुक रखने वाले नंदकुमार साय पहली बार 1977 में मध्य प्रदेश में तपकरा सीट (अब जशपुर जिले में) से जनता पार्टी के विधायक चुने गए थे। वह 1980 में बीजेपी की रायगढ़ जिला इकाई के प्रमुख चुने गए। वह 1985 में तपकरा से बीजेपी विधायक चुने गए। वो साल 2000 नवंबर में मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद वे छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के पहले नेता बने। इसके बात नंदकुमार साय साल 2017 में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के अध्यक्ष बने।

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