International Labor Day पर CM विष्णुदेव साय ने मजदूरों के साथ खाया छत्तीसगढ़ का सुपर फूड बोरे बासी

International Labor Day : बोरे बासी छत्तीसगढ़ का प्रिय और पारम्परिक आहार है। छत्तीसगढ़ के मजदूर किसान गर्मी के दिनों में बोरे बासी खाकर ही काम करने निकलते थे।
International Labor Day पर CM विष्णुदेव साय ने मजदूरों के साथ खाया छत्तीसगढ़ का सुपर फूड बोरे बासी
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हाइलाइट्स :

  • सीएम विष्णु देव साय ने दो महदूरों को बधाई।

  • हर साल 1 मई को मनाया जाता है मजदूर दिवस।

International Labor Day : छत्तीसगढ़। अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के मौके पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मजदूर वर्ग के लोगों के साथ रायपुर में दोपहर का भोजन किया। उन्होंने मजदूरों के साथ बैठकर छत्तीसगढ़ का सुपर फूड बोरे बासी खाया। सीएम ने कहा कि, आज हमारा सौभाग्य है कि हमें यहां श्रमिकों के बीच आने का मौका मिला। हमने उनके साथ भोजन किया और उनसे बात भी की।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, 'आज 1 मई है, आज मजदूर दिवस है। मैं छत्तीसगढ़ के सभी लोगों को मजदूर दिवस की बधाई देता हूं और शुभकामनाएं देता हूं। आज हमारा सौभाग्य है कि, हमें यहां श्रमिकों के बीच आने का मौका मिला। यहां श्रमिकों को हर दिन 5 रुपये में भरपेट भोजन मिलता है और इसकी शुरुआत डॉ. रमन सिंह ने की थी जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी और यह आज भी जारी है सुबह खाना खाओ और जहां भी काम मिले वहां चले जाओ।

छत्तीसगढ़ का सुपर फूड बोरे बासी :

बोरे बासी छत्तीसगढ़ का प्रिय और पारम्परिक आहार है। बोरे बासी (Boore Baasi) से भी कई रोगों का सफलतापूर्वक उपचार किया जा रहा है। डॉक्टर भी प्रिस्क्रिप्शन में बोरे बासी रिकमेंड करते हैं। छत्तीसगढ़ के डॉक्टरों का मानना है कि बोरे बासी में भरपूर विटामिन बी12, कैल्शियम, पोटेशियम सहित अनेक पौष्टिक गुण के साथ हृदय रोग, स्किन रोग, डायरिया सहित अनेक रोगों से लड़ने की क्षमता है। छत्तीसगढ़ के मजदूर किसान गर्मी के दिनों में बोरे बासी खाकर ही काम करने निकलते थे। पूर्व सीएम भूपेश बघेल भी International Labor Day पर श्रमिकों के साथ बोर बासी खाया करते थे।

इंटरनेशनल लेबर डे की शुरुआत कैसे हुई :

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुरुआत अमेरिका में 19वीं सदी में हुई थी। 1 मई 1886 को पूरे अमेरिका में एक दिन में 8 घंटे काम करने के लिए पूरे देश में हड़ताल की गई थी। यह हड़ताल शिकागो की हेमार्केट अफेयर में खत्म हुई थी और विरोध हिंसा में परिवर्तित हो गया था। एक बम विस्फोट में 7 पुलिस वालों और 4 नागरिकों की मौत हो गयी थी। यह विरोध बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से हो रहा था पर बम फटने के बाद वहां विरोध हिंसात्मक हो गया। 1889 में यूरोप में सोशलिस्ट पार्टी आई और उन्होंने तय किया की 1 मई को इंटरनेशनल लेबर डे मनाया जाएगा। तब से आज तक 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जा रहा है।

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