छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन के दौरान से तेंदूपत्ता का संग्रहण पूरी रफ्तार के साथ हो रहा है। चालू सीजन में 16 लाख 71 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण के लक्ष्य के विरुद्ध 9 लाख 72 हजार 697 मानक बोरा का संग्रहण किया जा चुका है, जो कुल लक्ष्य का 58 प्रतिशत है।
इससे संग्राहकों को 389 करोड़ रुपए की आय हुई है। कोरोना संकट शुरु होते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशन में राज्य शासन द्वारा यह सुनिश्चित किया गया कि लॉकडाउन के दौरान कृषि और वन आधारित आर्थिक गतिविधियां चलती रहें। नये सीजन में तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य में उत्पन्न नयी चुनौतियों का आंकलन कर रणनीति तैयार की गई। तेंदूपत्ता के संग्रहण से लेकर भंडारण तक कार्य पूरी तरह स्थानीय श्रमिकों से कराया गया। इससे बीते सीजनों की तुलना में, इस सीजन में स्थानीय लोगों को रोजागर के अधिक अवसर मिले।
कृषि क्षेत्र की तरह, वन क्षेत्रों में भी सभी तरह की आर्थिक गतिविधियां पूरे एहतियात के साथ संचालित की गईं। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क की अनिवार्यता भी शामिल रही। राज्य शासन द्वारा तेंदूपत्ता संग्रहण दर में इजाफा करते हुए 4000 रुपए प्रति मानक बोरा कर दिए जाने से संग्रहकों ने इस सीजन में खासे उत्साह के साथ तेंदूपत्ता का संग्रहण किया। लॉकडाउन समाप्त होने, और अनलॉक की शुरुआत होने के साथ ही, संग्रहण कार्य में और तेजी आ गई है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के तेंदूपत्ते की गुणवत्ता देश में सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है।
छत्तीसगढ़ शासन ने सभी तेंदूपत्ता श्रमिकों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं, जिन अंदरुनी क्षेत्रों में बैंकों के माध्यम से राशि के अंतरण में असुविधा हो रही हो, वहां श्रमिकों को नकद भुगतान करने को कहा गया है।
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