चीन में हुए कोरोना विस्फोट से भारत में भी चिंता
चीन में हुए कोरोना विस्फोट से भारत में भी चिंताSyed Dabeer Hussain - RE

चीन में हुए कोरोना विस्फोट से भारत में भी चिंता, जानिए कितना हो सकता है असर?

दुनिया में अब तक जितने भी कोरोना के सब वैरिएंट आए हैं, उनके मामले भारत में मिल चुके हैं। वहीं चीन में भी अब तक कोई नया वैरिएंट नहीं मिला है।

राज एक्सप्रेस। चीन में इस समय कोरोना बेकाबू हो चुका है। वह इस समय कोरोना महामारी के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। इस समय चीन के अस्पतालों में स्टॉफ, बेड और दवाओं की भारी कमी हो गई है। अस्पतालों और दवाओं की दुकानों के बाहर लंबी-लंबी लाइन लगी है। मरने वालों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है। शमशानों में 24 घंटे अंतिम संस्कार किया जा रहा है, इसके बावजूद अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करने के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। चीन में हुई इस परिस्थिति ने भारत में भी लोगों को डराकर रख दिया है। कई लोग इस डर में है कि क्या भारत में भी एक बार फिर ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो जाएगी। तो चलिए जानते हैं कि चीन में कोरोना विस्फोट का भारत में कितना असर हो सकता है।

भारत में खतरा कम है लेकिन सावधानी जरूरी :

इस मामले को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि फ़िलहाल यह कहना जल्दबाजी होगी कि चीन की तरह भारत में भी एक बार फिर कोरोना विस्फोट की स्थिति बन सकती है। इसका बड़ा कारण यह है कि भारत में बड़े पैमाने पर टीकाकरण हो चुका है। इसके उलट चीन में बुजुर्ग आबादी को जरूरत से कम टीकाकरण हुआ है।

नेचुरल इम्यूनिटी :

विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि चीन अब तक 'जीरो कोविड' पॉलिसी पर चलता आया है। इस कारण वहां नेचुरल इन्फेक्शन काफी कम रहा और लोगों में नेचुरल इम्यूनिटी इतनी नहीं मिल पाई, जितनी मिलनी चाहिए थी। इसके उलट भारत में ओमीक्रोन वैरिएंट के दौरान देश की एक बड़ी आबादी कोरोना से प्रभावित हुई थी। इसके चलते भारत में लोगों में व्यापक हाइब्रिड इम्युनिटी है।

वैक्सीन बड़ा हथियार :

कोरोना से लड़ने में भारत का सबसे बड़ा हथियार वैक्सीन है। चीन की वैक्सीन की गुणवत्ता को लेकर दुनियाभर में सवाल उठ रहे हैं। दुनिया के कई देशों ने चीन में बनी वैक्सीन को मान्यता नहीं दी थी। इसके उलट भारतीय वैक्सीन काफी प्रभावी है और उसकी दुनियाभर के देशों ने सराहना की है।

नया वैरिएंट नहीं :

दुनिया में अब तक जितने भी कोरोना के सब वैरिएंट आए हैं, उनके मामले भारत में मिल चुके हैं। वहीं चीन में भी अब तक कोई नया वैरिएंट नहीं मिला है। हालांकि चीन के हालात के चलते भारत में भी कोरोना के मामलो में वृद्धि हो सकती है, लेकिन लहर आने की उम्मीद बेहद कम है।

जीनोम सीक्वेसिंग :

भारत जीनोम सीक्वेसिंग के मामले में चीन से आगे है। इसके अलावा हमारी तैयारी भी मेडिकल साइंस के आधार पर है। एक यह भी कारण है कि भारत में कोरोना का खतरा उतना नहीं है, जितना फ़िलहाल चीन में दिखाई दे रहा है।

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