हाइलाइट्स :
पिछली सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला रख लिया था सुरक्षित।
हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ आप करेगी सुप्रीम कोर्ट का रुख।
CM Arvind Kejriwal : दिल्ली। हाई कोर्ट ने सीएम अरविन्द केजरीवाल की ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उन्हें ईडी रिमांड पर भेजने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। राहत न मिलने के चलते अब अरविन्द केजरीवाल को तिहाड़ जेल में ही रहना होगा। सूत्रों के अनुसार आम आदमी पार्टी हाई कोर्ट के इस आदर्श से संतुष्ट नहीं है। अब AAP हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी। हाई कोर्ट ने पिछली सुनवाई के बाद याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। मंगलवार को फैसला सुनाते हुए हाई कोर्ट ने टिप्पणी की कि, ईडी के सबूतों से पता चलता है कि, "अरविंद केजरीवाल ने साजिश रची थी और अपराध की आय के उपयोग और छिपाने में सक्रिय रूप से शामिल थे।"
कोर्ट ने आदेश सुनाते हुए कहा कि, 'ईडी द्वारा एकत्र की गई सामग्री से पता चलता है कि, अरविंद केजरीवाल ने साजिश रची थी और अपराध की आय के उपयोग और छिपाने में सक्रिय रूप से शामिल थे। ईडी के मामले से यह भी पता चलता है कि वह निजी तौर पर आम आदमी पार्टी के संयोजक के तौर पर भी शामिल थे। वर्तमान मामले में कई बयानों के बीच राघव मगुंटा और सरथ रेड्डी के बयान अनुमोदक बयान हैं जो पीएमएलए के साथ-साथ धारा 164 सीआरपीसी के तहत दर्ज किए गए थे।'
अप्रूवर के बयान दर्ज करने के तरीके पर संदेह करना न्यायालय और न्यायाधीश पर आक्षेप लगाने के समान होगा। अनुमोदक का कानून एक वर्ष से अधिक पुराना नहीं बल्कि 100 वर्ष से भी अधिक पुराना है। यह नहीं कहा जा सकता कि, इसे वर्तमान याचिकाकर्ता (केजरीवाल) को फंसाने के लिए बनाया गया था।
किसी के लिए कोई विशेष विशेषाधिकार नहीं :
कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा, 'यह दलील खारिज की जाती है कि केजरीवाल से वीसी के जरिए पूछताछ की जा सकती थी। यह तय करना आरोपी का काम नहीं है कि जांच कैसे की जानी है। यह अभियुक्त की सुविधा के अनुसार नहीं हो सकता। यह अदालत दो तरह के कानून नहीं बनाएगी - एक आम लोगों के लिए और दूसरा लोक सेवकों के लिए। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा, मुख्यमंत्री सहित किसी के लिए कोई विशेष विशेषाधिकार नहीं हो सकता।'
दिल्ली उच्च न्यायालय का कहना है कि '(दिल्ली के मुख्यमंत्री) केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया है और अदालत को चुनाव के समय की परवाह किए बिना कानून के अनुसार उनकी गिरफ्तारी और रिमांड की जांच करनी होगी। कोर्ट के सामने जो मुद्दा है वह राजनीतिक दलों के नहीं, बल्कि जांच एजेंसी के मुद्दों पर विचार करता है। एक अदालत को निष्पक्ष होना चाहिए और कानून के अनुसार मामले का फैसला करना चाहिए।'
बता दें कि, ईडी ने दिल्ली शराब नीति या एक्साइज पॉलिसी केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। सीएम ने अपनी गिरफ्तारी के विरुद्ध याचिका लगाई थी। राउज एवेन्यू कोर्ट ने सुनवाई के बाद उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया था।
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