कांग्रेस ने Bilkis Bano Case में SC के फैसले का किया स्वागत, प्रियंका गांधी ने कहा - अंततः न्याय की हुई जीत
हाइलाइट्स
बिलकिस बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला।
दोषियों की रिहाई रद्द करने पर प्रियंका गांधी ने कहा- ये है न्याय की जीत।
इस आदेश के बाद जनता का न्याय व्यवस्था के प्रति बढ़ेगा विश्वास।
ओवैसी ने कहा, बिलकिस बानो इतनी बहादुरी से लड़ी और जान की बाजी भी लगा दी।
Priyanka Gandhi on SC Decision in Bilkis Bano Case : दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिलकिस बानो मामले में फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए 11 दोषियों की रिहाई रद्द कर दी है। इस पर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि, अंततः न्याय की जीत हुई है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर लिखा कि, अंततः न्याय की जीत हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों के दौरान गैंगरेप की शिकार #BilkisBano के आरोपियों की रिहाई रद्द कर दी है। इस आदेश से भारतीय जनता पार्टी की महिला विरोधी नीतियों पर पड़ा हुआ पर्दा हट गया है। इस आदेश के बाद जनता का न्याय व्यवस्था के प्रति विश्वास और मजबूत होगा। बहादुरी के साथ अपनी लड़ाई को जारी रखने के लिए बिल्किस बानो को बधाई।
बिलकिस बानो मामले पर AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, मैं पहले दिन से कह रहा हूं कि बीजेपी पीड़ित के साथ खड़े होने के बजाय हमेशा इस जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले अपराधियों के साथ खड़ी रही है। यह बिलकिस बानो हैं जो इतनी बहादुरी से लड़ी और अपनी जान की बाजी भी लगा दी। वही गुजरात सरकार जो उसकी रक्षा नहीं कर सकी, उसने इन दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया जिन्होंने उसके साथ बलात्कार किया और उसके बच्चे को मार डाला। सभी बलात्कारियों को एक कड़ा संदेश भेजा जाना चाहिए, चाहे वे कोई भी हों वे जिस राजनीतिक विचारधारा से जुड़े हैं, उसमें उन्हें कोई छूट नहीं दी जाएगी।
बिलकिस बानो रेप केस के 11 दोषियों की रिहाई रद्द
दरअसल, सोमवार को हुई सुनवाई में बिलकिस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट ने 11 दोषियों की रिहाई रद्द कर दी है। इस मामले में उच्चतम न्यायलय का मानना है कि, गुजरात नहीं महाराष्ट्र सरकार दोषियों की रिहाई का फैसला ले सकती है। गुजरात सरकार द्वारा बिलकिस बानो रेप केस के अपराधियों को रेमिशन दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ याचिका लगाई गई थी। जस्टिस बीवी नागराथन की अध्यक्षता में पीठ ने इस मामले की सुनवाई की थी।
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