पटना में होगी Eastern Zonal Council की बैठक, गृह मंत्री अमित शाह करेंगे अध्यक्षता
हाइलाइट्स
मुख्य सचिव, राज्य सरकारों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे।
आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना में सरकारी अस्पतालों की भागीदारी पर होगी चर्चा।
दो लाख नई प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACSs) का निर्माण, बच्चों में कुपोषण दूर कर लेकर चर्चा।
Eastern Zonal Council Meeting : दिल्ली। पूर्वी क्षेत्रीय परिषद (Eastern Zonal Council) में बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड राज्य शामिल हैं। बैठक का आयोजन बिहार सरकार के सहयोग से गृह मंत्रालय के तहत अंतर-राज्य परिषद सचिवालय द्वारा 10 दिसंबर को किया जा रहा है। पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक में सदस्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ प्रत्येक राज्य के दो वरिष्ठ मंत्री भाग लेंगे। मुख्य सचिव, राज्य सरकारों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में भाग लेंगे।
इन मुद्दों पर होगी चर्चा :
क्षेत्रीय परिषदों की भूमिका सलाहकारी है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में ये परिषदें विभिन्न क्षेत्रों में आपसी समझ और सहयोग के स्वस्थ बंधन को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कारक साबित हुई हैं। परिषदों की बैठकों में कोदो, कुटकी एवं अन्य फसलों का रागी के बराबर समर्थन मूल्य, व्यापक सिल्ट प्रबंधन नीति के अंतर्गत जल शक्ति मंत्रालय द्वारा 2022 में तलछट (Sediment) प्रबंधन के लिए नेशनल फ्रेमवर्क ज़ारी करना, राज्य स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा लाख की खेती के लिए वित्त का पैमाना तय करना और लाख की खेती को 2022-23 से किसान क्रेडिट कार्ड में शामिल करना आदि निर्णय लिए जायेंगे। क्षेत्रीय परिषदें व्यापक मुद्दों पर चर्चा होगी जिनमें खनन, कुछ मदों में केन्द्रीय आर्थिक सहायता, बुनियादी सुविधाओं का निर्माण, भूमि अधिग्रहण एवं भूमि स्थानांतरण, जल बँटवारा, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण स्कीम (DBT) का कार्यान्वयन, राज्य- पुनर्गठन और क्षेत्रीय स्तर के सामान्य हित के अन्य मुद्दें शामिल हैं।
क्षेत्रीय परिषदों की प्रत्येक बैठक में राष्ट्रीय महत्व के अनेक मुद्दों पर भी चर्चा की जायेगी। इनमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ दुष्कर्म के मामलों की त्वरित जांच और इसके शीघ्र निपटान के लिए फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों (FTSC) का कार्यान्वयन, प्रत्येक गांव में 5 किमी के भीतर बैंकों/ इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक शाखाओं की सुविधा, देश में दो लाख नई प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACSs) का निर्माण, पोषण अभियान के माध्यम से बच्चों में कुपोषण दूर करना, स्कूली बच्चों की ड्रॉप आउट दर कम करना, आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना में सरकारी अस्पतालों की भागीदारी तथा राष्ट्रीय स्तर के सामान्य हित के अन्य मुद्दें शामिल हैं।
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