पोंगल समारोह में PM मोदी
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पोंगल समारोह में बोले PM मोदी, एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना को दर्शाता है पोंगल का त्योहार

दिल्ली में राज्य मंत्री एल मुरुगन के आवास पर PM मोदी ने पोंगल समारोह को संबोधित कर सभी को पोंगल के पर्व की अनेक-अनेक शुभकामनाएं दी एवं संबोधन में कही यह बातें...

हाइलाइट्स :

  • दिल्ली में राज्य मंत्री एल मुरुगन के आवास पर पोंगल समारोह

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पोंगल समारोह को संबोधित किया

  • PM मोदी ने सभी को पोंगल के पर्व की अनेक-अनेक शुभकामनाएं दी

दिल्ली, भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में राज्य मंत्री एल मुरुगन के आवास पर पोंगल समारोह में शामिल हुए और समारोह को संबोधित कर सभी को पोंगल के पर्व की अनेक-अनेक शुभकामनाएं दी और कहा कि, पोंगल का त्योहार एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना को दर्शाता है।

दिल्ली में पोंगल समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, आप सभी को पोंगल के पर्व की अनेक-अनेक शुभकामनाएं। पोंगल के पवित्र दिन तमिलनाडु के हर घर से पोंगल धारा का प्रवाह होता है। मेरी कामना है कि, उसी तरह आपके जीवन में भी सुख, समृद्धि और संतोष की धारा का प्रवाह निरंतर होता रहे। कल ही देश ने लोहड़ी का पर्व धूमधाम से मनाया है। कुछ लोग आज मकर संक्रांति, उत्तरायण मना रहे हैं, कुछ लोग कल मनाएंगे। माघ बिहू भी बस आने ही वाला है। मैं इन सब पर्वों की सभी देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।

पोंगल पर्व में ताजी फसल को भगवान के चरणों में समर्पित करने की परंपरा है। इस पूरी उत्सव परंपरा के केंद्र में हमारे अन्नदाता, हमारे किसान है। वैसे भी भारत का हर त्योहार किसी न किसी रूप में गांव से, किसानी से, फसल से जुड़ा हुआ होता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

आगे उन्होंने यह भी कहा कि, "संत तिरुवल्लुर ने कहा है कि 'अच्छी फसल, शिक्षित लोग और ईमानदार व्यापारी मिलकर राष्ट्र का निर्माण करते हैं।' यह परंपरा है कि पोंगल पर पहली फसल भगवान को अर्पित की जाती है। इस परंपरा के केंद्र में हमारे किसान हैं। दरअसल, हमारे सभी त्योहार किसी न किसी रूप में कृषि से जुड़े हुए हैं। पोंगल के अवसर पर तमिल महिलाएं अपने घर के बाहर डिजाइन बनाती हैं, जिसमें आटे से डॉट्स बनाती हैं और बाद में डॉट्स को कॉलम से जोड़ती हैं और हर कॉलम का अपना अलग महत्व है... हमारी देश और उसकी विविधता भी इसके कॉलम जैसी है. जब देश का कोना-कोना एक दूसरे से भावात्मक रूप से जुड़ता है तो हमारी नई ताकत उत्पन्न होती है। बीते समय में काशी और सौराष्ट्र संगमम जैसी अत्यंत महत्वपूर्ण आयोजन शुरू हुए हैं। इन आयोजनों में बड़ी संख्या में हमारे तमिल भाई बहन उत्साह से हिस्सा लेते हैं। पोंगल का त्योहार 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' की भावना को दर्शाता है... यही भावना 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने की सबसे बड़ी ताकत है।"

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