राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मूRaj Express

संस्कृत हमारी संस्कृति की पहचान और वाहक रही है: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

दिल्ली के लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह को आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संबोधित किया।

हाइलाइट्स :

  • लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय का प्रथम दीक्षांत समारोह

  • विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संबोधित किया

  • संस्कृत हमारी संस्कृति की पहचान और वाहक रही है: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

दिल्‍ली, भारत। दिल्ली के लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह को आज मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संबोधित किया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा- संस्कृत भाषा हमारी संस्कृति की संवाहिका रही है, हमारे देश की प्रगति का आधार रही है और यह भाषा हमारी पहचान भी रही है। संस्कृत भाषा में हजारों वर्षों से निरंतर चली आ रही ज्ञान-परंपरा का अजस्र प्रवाह दिखाई देता है। जिस तरह आज विश्व में कई university towns स्थापित हैं वैसे ही विद्या केंद्र प्राचीन भारत में काशी, तक्षशिला और कांची जैसे स्थानों पर विद्यमान थे। लगभग एक ही कालखंड के दौरान, तक्षशिला में पाणिनि ने व्याकरण का निर्माण किया, कौटिल्य ने अर्थशास्त्र एवं नीतिशास्त्र के जरिए राज्य और समाज व्यवस्था से जुड़े कालजयी ग्रंथ लिखे तथा चरक ने औषधि-विज्ञान की आधारभूत संहिता रची।

मात्र पुरानी होने के कारण कोई बात या वस्तु उचित और सुंदर नहीं हो जाती है और केवल नई होने के कारण कोई बात या वस्तु गलत या खराब नहीं हो जाती है। विवेकशील व्यक्ति अपनी बुद्धि का प्रयोग करके श्रेष्ठ वस्तु को अंगीकार करते हैं। नासमझ लोग दूसरों के कहने पर किसी बात या वस्तु को अपनाते हैं या नकारते हैं। हमारे यहां, सदाचार, धर्माचरण, परोपकार तथा सर्व-मंगल जैसे जीवन-मूल्यों पर आधारित प्रगति में ही शिक्षा की सार्थकता मानी गई है। मैं तो यह मानती हूं कि जो व्यक्ति सदैव दूसरे के हित में लगे रहते हैं उनके लिए संसार में कुछ भी प्राप्त करना कठिन नहीं है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

आगे उन्‍हाेंने यह भी कहा,मैं समझती हूं कि वेद-वेदांग का अध्ययन-अध्यापन करने वाले इस संस्थान में गार्गी, मैत्रेयी, अपाला, रोमशा, लोपामुद्रा और मंडन मिश्र की भार्या उभय भारती जैसी विदुषी महिलाओं के विषय में विशेष जानकारी भी है और सम्मान भी। इसलिए, मैं चाहूंगी कि इस विश्वविद्यालय में छात्राओं को और अधिक प्रोत्साहन मिले तथा उन्हें अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के पर्याप्त अवसर मिलें।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

Related Stories

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com