रक्षा लेखा विभाग दिवस पर राजनाथ सिंह ने दी बधाई
रक्षा लेखा विभाग दिवस पर राजनाथ सिंह ने दी बधाई Raj Express

रक्षा लेखा विभाग दिवस पर राजनाथ सिंह ने दी बधाई एवं संबोधन में कहीं ये बातें...

रक्षा लेखा विभाग दिवस की बधाई देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, एक विभाग के रूप में DAD की जो यात्रा रही है, वह किसी मैराथन से कम नहीं है।

दिल्‍ली, भारत। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज रविवार को रक्षा लेखा विभाग के 276वें वार्षिक दिवस पर आयाेजत कार्यक्रम में शामिल हुए और कार्यक्रम को संबोधित किया।

रक्षा लेखा विभाग दिवस पर राजनाथ सिंह ने कहा- मैं, Defence Accounts Department के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को, Defence Accounts Department के स्थापना दिवस की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। एक विभाग के रूप में DAD की जो यात्रा रही है, वह किसी मैराथन से कम नहीं है। बीते पौने तीन सौ वर्षों से कोई विभाग सतत अपनी यात्रा को जारी रखे हुए है, यह सोचकर ही एक रोमांच का अनुभव होता है। इस विभाग ने तथा आप सबने अपनी क्षमता, ईमानदारी और मेहनत से भारत की defence capabilities को लगातार enhance करते रहने का जो काम किया है, उसके लिए यह विभाग, और आप सब बधाई के पात्र हैं। एक व्यक्ति के रूप में, एक संस्था के रूप में तथा एक राष्ट्र के रूप में हमारी आवश्यकताएं असीमित होती है, लेकिन हमारे पास जो उपलब्ध संसाधन होते हैं वह सीमित मात्रा में होते हैं। ऐसे में हमें सीमित संसाधनों का proper utilization करके उससे optimum output निकालना होता है। आप, Defence sector में हमारे पास उपलब्ध संसाधनों का जिस प्रकार से optimum utilization ensure करते हैं, उसे देखकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता होती है।

हममें से प्रत्येक व्यक्ति जिस संस्था से जुड़ा है, जिस office से जुड़ा है, वह उसकी स्वच्छता को लेकर भी बहुत सजग रहता है। जब हम अपने विचारों, नीयत, व्यवहार को साफ रखना चाहते हैं, तो ऐसे में भला हमारा काम करने का जो स्थल है, हमारा जो कार्यालय है, जो प्रांगण है, जो भवन है, वह कैसे गंदा रह सकता है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के सपने को पूरा करने के लिए भारत में स्वच्छता का जो जन आंदोलन चला है, जो सामाजिक आंदोलन चला है, हम सब उसके भागीदार हैं। और इस मुहिम में आप सबने स्वच्छता के जो आयाम गढ़े हैं, उसके लिए आप सब प्रशंसा के हकदार हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

  • आपकी यात्रा 276 वर्षों से अनवरत चली आ रही है। अब जब किसी संस्था या विभाग की इतनी लंबी यात्रा होती है, तो इस यात्रा के दौरान उसमें अनेक परिवर्तन भी आते हैं। यह परिवर्तन ही उस संस्था को जीवंत बनाए रखते हैं।

  • मैं आपसे, professional capabilities develop करने के ऊपर भी कुछ बातें करना चाहता हूं। वैसे तो मुझे पता है, कि आप सब बेहद काबिल हैं। आपका training mechanism भी बहुत दुरुस्त है। लेकिन उसके बावजूद जैसे-जैसे समय तेजी से बदल रहा है, वैसे-वैसे हर क्षेत्र में जटिलताएं आती जा रही है। और उन जटिलताओं का सामना करने के लिए आपको स्वयं को लगातार update करना पड़ेगा।

  • आपके कई सारे कामों में एक बेहद महत्वपूर्ण काम है financial advice देने का। जब भी कोई user agency, कोई product खरीदना चाहती है, तो उनको financial advice देते समय आपके लिए दो broad बातों को समझना जरूरी है। पहला user agency की demand का realistic assessment, और दूसरा supply side की समझ।

  • Supply side की समझ से मेरा आशय यह, कि जो product खरीदा जा रहा है, उसके market की आपको समझ हो। जब हम बाजार से कुछ सामान खरीदते हैं, तो उसके लिए कुछ चीजों पर ध्यान देने की जरूरत होती है। सबसे पहले तो यह, कि जो product हम खरीद रहे हैं, वाकई इस product की हमें आवश्यकता है भी या नहीं, जिसे मैंने अभी realistic demand assessment कहा है।

  • आप भली-भाँति इस बात को जानते हैं, कि बदलते समय के अनुसार कौन सा product हमारे defence forces के लिए जरूरी है, और कौन सा नहीं। लेकिन बाजार से कुछ सामान खरीदते समय जो दूसरी चीज सबसे महत्वपूर्ण होती है, वह है supply side के बारे में हमारा ज्ञान। अर्थात हमें इस चीज के बारे में अपना ज्ञान बढ़ाना होगा, कि दुनिया में कौन सा defence equipment किन कीमतों पर available है।

  • आप अपने विभाग के अंदर ही एक ऐसा in-house mechanism बनाएं; कुछ experienced लोगों की एक standing committee बनाएं, जो market forces के बारे में research  एवं study करें, और आवश्यकतानुसार आपके field officers को high quality market intelligence दे सकें। आप industry associations, business schools, आदि के साथ collaboration करें। इनके साथ collaboration करके, उनकी सहायता से भी आप market conditions के बारे में अच्छे से study कर पाएंगे। मुझे पूरा विश्वास है, कि आप सभी आपस में मिल बैठकर, विचार करेंगे और इस दिशा में आगे बढ़ेंगे।

  • DAD आज अपना स्थापना दिवस मना रहा है। अभी कुछ दिनों पहले एक स्वाधीन राष्ट्र के रूप में भारत ने भी अपना 76वां वर्ष पूरा किया। आप सब तो जानते ही हैं, कि यह जो कालखंड है, कोई साधारण समय नहीं है। यह काल अमृतकाल का है। और इस अमृतकाल की समाप्ति तक भारत जब अपना 100वाँ स्वाधीनता दिवस मना रहा होगा, और आपका विभाग 300 वर्ष पूरे कर रहा होगा।

  • यदि हम एक विकसित राष्ट्र बनाएंगे, तो हमारे पास आज की स्थिति से भी कहीं अधिक सशक्त armed forces की जरूरत होगी। हमारी forces के पास आधुनिक arms and equipment होने चाहिए। इसके लिए आवश्यक है, कि हमारे पास जो उपलब्ध financial resources हैं, उनका अच्छी तरीके से utilization हो।

  • एक अमेरिकी लेखक टॉमस मर्टन कहते हैं, कि “Happiness is not a matter of intensity, but of balance, and order, and rhythm, and harmony.” आज अगर देश की सुरक्षा में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है, सब जगह संतोष है, तो उसके पीछे, आप सभी द्वारा बनाया गया यही balance, यही order, यही rhythm, और यही harmony है।

  • मैं विभाग में चल रही समस्त योजनाओं की सफलता की कामना करता हूं। मैं ईश्वर से यह भी प्रार्थना करता हूं, कि यह संस्थान जिस प्रकार से पिछले पौने तीन सौ वर्षों से काम करता आ रहा है, वह आगे भी इसी प्रकार से अपनी जीवंतता को बनाए रखेे।

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