Soumya Murder Case : पत्रकार सौम्या के हत्यारों को जमानत देने पर सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली पुलिस को नोटिस

Soumya Murder Case : दिल्ली पुलिस को चार सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
Soumya Murder Case : पत्रकार सौम्या के हत्यारों को देने पर सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली पुलिस को नोटिस
Soumya Murder Case : पत्रकार सौम्या के हत्यारों को देने पर सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली पुलिस को नोटिसRaj Express

हाइलाइट्स

  • न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने मांगा जवाब।

  • मृतका की माँ ने सुप्रीम कोर्ट में लगाईं थी जमानत के खिलाफ याचिका

Soumya Murder Case : नई दिल्ली। टीवी पत्रकार सौम्य विश्वनाथन की हत्या के मामले में 4 दोषियों को मिली जमानत देने पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। दरअसल, सौम्या की माँ ने दोषियों को मिली जमानत के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। इस याचिका पर सोमवार को न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने सुनवाई की, जिसमें दिल्ली पुलिस समेत दोषियों से जवाब मांगा गया है। पीठ ने दिल्ली पुलिस को भी चार सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

मृतका की मां की तरफ से शीर्ष अदालत में दायर याचिका में तर्क दिया गया कि उच्च न्यायालय उसकी (मृतका की मां की) वेदना समझने में विफल रहा। उच्च न्यायालय दोषियों के आपराधिक इतिहास और उनके द्वारा किए गए अपराधों की गंभीरता को भी नहीं समझ पाया।याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायालय यह भी ध्यान देने में असफल रहा कि एक बार जब इन आरोपियों को छोड़ दिया जाएगा तो वे अपनी पिछली गतिविधियों को जारी रख समाज के लिए खतरा बन सकते हैं।

याचिका में यह भी दलील दी गई है कि उच्च न्यायालय यह विचार में विफल रहा है कि सत्र न्यायाधीश ने रिकॉर्ड पर व्यापक आपत्तिजनक सामग्री पर विचार करने के बाद और अपराध की गंभीरता को समझने के बाद आरोपियों को आईपीसी की धारा 302, 34 और मकोका 1999 की धारा 3(1)(द्ब) तहत दोहरे आजीवन कारावास की सजा के लिए दोषी ठहराया। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 12 फरवरी 24 को रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत सिंह मलिक और अजय कुमार की आजीवन कारावास की सजा को निलंबित कर दिया था। इसके साथ ही उनकी दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ (दोषियों की) अपील लंबित रहने के दौरान उन्हें जमानत दे दी गई थी।

उच्च न्यायालय ने चारों दोषियों के 14 साल और नौ महीने की कैद की सजा काटने के तथ्य पर गौर करने के बाद उनकी जमानत अर्जी मंजूर की थी। अभियोजन पक्ष के अनुसार,पत्रकार विश्वनाथन की 30 सितंबर 08 को दक्षिणी दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर तड़के गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस समय वह अपने कार्यालय से काम पूरा कर कार से अपने घर लौट रही थीं। पुलिस ने उन्हें उनकी कार में मृत पाया था।दक्षिणी दिल्ली की साकेत जिला अदालत ने इस मामले में सभी चारों दोषियों को 24 नवंबर 2023 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

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