कंबोडिया में साइबर गुलामी कर रहे 5000 भारतीय वाली रिपोर्ट को लेकर टीएमसी सांसद ने लिखा विदेश मंत्री को पत्र

कंबोडिया में धोखे से ले जाए गए भारतीयों को साइबर गुलामी में धकेले जाने वाली रिपोर्ट पर टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने विदेश मंत्री को लिखा पत्र।
Indians in Cambodia
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हाइलाइट्स :

  • टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने विदेश मंत्री जयशंकर को लिखा पत्र

  • कंबोडिया में साइबर गुलामी में धकेले गए 5000 भारतीयों की रिपोर्ट को लेकर लिखा पत्र

  • अब तक 75 भारतीयों को बचाया जा चुका है

दिल्ली। एक खुफिया रिपोर्ट में बताया गया है कि 5000 से अधिक भारतीय कंबोडिया में फंसे हुए हैं, जहां उन्हें कथित तौर पर उनकी इच्छा के विरुद्ध रखा जा रहा है और साइबर धोखाधड़ी करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। रिपोर्ट में बताया गया कि इन भारतीयों को भारत में ही लोगों को धोखा देने के लिए मजबूर किया जाता है। इस रिपोर्ट को लेकर टीएमसी के राज्य सभा सांसद और आरटीआई एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने विदेश मंत्री के नाम एक पत्र लिख मामले में तत्काल संज्ञान लेने और सभी फंसे हुए भारतीयों को जल्द से जल्द घर वापसी कराने का अनुरोध किया है।

सांसद साकेत गोखले ने लिखा पत्र :

टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने विदेश मंत्री के नाम अपने पत्र में लिखा एक रिपोर्ट के अनुसार, 5000 से अधिक भारतीय नागरिक उनकी इच्छा के विरुद्ध कंबोडिया में फंस गए हैं और मानव तस्करों द्वारा उन्हें साइबर गुलामी के लिए मजबूर किया जा रहा है। सांसद साकेत ने आगे लिखा कि रिपोर्ट में भारत सरकार के अनुमान का हवाला दिया गया है और कहा गया है कि इस ऑपरेशन के माध्यम से साइबर धोखाधड़ी और घोटालों के माध्यम से भारत में लोगों से पहले ही 500 करोड़ रुपये से अधिक की लूट की जा चुकी है।

सांसद साकेत गोखले ने लिखा पत्र
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साकेत ने भारत सरकार की नियत पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि "हैरान करने वाली बात है कि भारत सरकार ने कंबोडिया साम्राज्य की सरकार के साथ इस मामले को युद्धस्तर पर क्यों नहीं उठाया। इसलिए, मैं आपसे अनुरोध कर रहा हूं कि कृपया इस मामले को तत्काल देखें और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं कि इन 5000 फंसे भारतीयों को जल्द ही घर वापस लाया जाए और कंबोडियाई अधिकारियों से आग्रह किया जाए कि वे अपनी धरती पर इस मानव तस्करी अभियान को बंद करें।"

क्या कहा गया था रिपोर्ट में :

रिपोर्ट में बताया गया है कि 5,000 से अधिक भारतीय कंबोडिया में फंसे हुए हैं, जहां उन्हें कथित तौर पर उनकी इच्छा के विरुद्ध रखा जा रहा है और घर वापस आने वाले लोगों के साथ साइबर गुलामी करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। रिपोर्ट ने यह भी दावा किया है कि इन भारतीयों को भारत में ही लोगों को धोखा देने के लिए मजबूर किया गया था और कुछ मामलों में, कानून प्रवर्तन अधिकारी होने का दिखावा करके लोगों से पैसे लूट रहे है। डेटा से पता चलता है कि पिछले छह महीनों में भारत में कंबोडिया में होने वाली साइबर धोखाधड़ी से 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

भारतीय केंद्रीय एजेंसियों की जांच से अब तक पता चला है कि एजेंट लोगों को फंसा रहे थे और उन्हें साइबर धोखाधड़ी करने के लिए मजबूर करने से पहले डेटा एंट्री नौकरियों के बहाने कंबोडिया भेजा गया था। हालाँकि, कंबोडिया में फंसे बेंगलुरु के तीन लोगों को भारत वापस लाया जा चुका है। इस मामले को लेकर मार्च के शुरुआत में, गृह मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र और अन्य सुरक्षा विशेषज्ञों के अधिकारियों के साथ बैठक की है।

तीन महीनों में बचाए गए 75 भारतीय - कंबोडिया में भारतीय दूतावास

कंबोडिया की राजधानी नोम पेन्ह में भारतीय दूतावास को फंसे भारतीयों की लगभग 130 शिकायतें मिली हैं जिसमे से अब तक 75 लोगों को रेस्क्यू किया जा चूका है। कंबोडिया में भारतीय दूतावास के दूसरे कांसुलर और डायस्पोरा सचिव अवारन अब्राहम ने फंसे लोग दूतावास से संपर्क करते हैं जिन्हे स्थानीय कंबोडियाई अधिकारियों के माध्यम से उन्हें बचाने की कोशिश की जाती है। इस साल के पहले तीन महीनों में, लगभग 130 लोगों ने विभिन्न हेल्पलाइनों के माध्यम से हमसे संपर्क किया है। इनमें से 1 जनवरी से अब तक 75 से ज्यादा लोगों को बचाया जा चुका है। हालाँकि इस आंकड़े में वे लोग भी शामिल हैं जो खुद भाग निकले हैं।

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