Satakadi Hota Passes Away : ओडिशा साहित्य अकादमी के अध्यक्ष सताकडी होता का निधन

Satakadi Hota Passes Away : उड़िया साहित्य में सताकडी होता के योगदान के लिए उन्हें साहित्य भारती सम्मान और उत्कल साहित्य समाज पुरस्कार से भी नवाजा गया।
Satakadi Hota Passes Away
Satakadi Hota Passes Away Raj Express

हाइलाइट्स

  • सताकडी होता सेवानिवृत्त आईआरटीएस अधिकारी थे।

  • उन्होंने खुर्दा रोड डिवीजन के डीआरएम के रूप में कार्य किया।

  • उन्होंने उपन्यास, कहानियां, यात्रा कथाएं और कई जीवनियां लिखी।

Satakadi Hota Passes Away : भुवनेश्वर। भारतीय रेलवे में प्रमुख पदों पर काम कर चुके प्रखर उड़िया लेखक सताकोडी होता का रविवार को वृद्धावस्था से संबंधित बीमारियों के कारण निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे। सेवानिवृत्त आईआरटीएस अधिकारी सताकडी होता ने खुर्दा रोड डिवीजन के डीआरएम के रूप में कार्य किया था। वह भाषा दैनिक समय के संपादक और ओडिशा साहित्य अकादमी के अध्यक्ष भी थे।

उड़िया लेखक सताकडी ने कई कविताएं, निबंध, उपन्यास, कहानियां, यात्रा कथाएं और कई जीवनियां भी लिखी हैं। वर्ष 1929 में ओडिशा के मयूरभंज जिले के जगन्नाथ खूंटा में जन्मे उड़िया सताकडी होता 1954 में भारतीय रेलवे में शामिल हुए। उन्होंने अपने साहित्यिक करियर की शुरुआत कविताओं से की लेकिन बाद में कहानियां लिखना शुरू कर दिया। उन्होंने कई किताबें और उपन्यास लिखे हैं जिनमें 27 कहानियां, 21 उपन्यास तथा कविताओं की एक किताब शामिल है। लेखक सताकडी होता को उपन्यास 'अशांत अरण्य' के लिए 1987 में ओडिशा साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा 2004 में उनके कहानी संग्रह 'मुक्तिमंत्री' और 'जननी जन्मभूमि' के लिए प्रतिष्ठित सरला पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

सताकडी को साहित्य भारती सम्मान और उत्कल साहित्य समाज पुरस्कार से नवाजा

उड़िया साहित्य में उनके योगदान के लिए उन्हें साहित्य भारती सम्मान और उत्कल साहित्य समाज पुरस्कार से भी नवाजा गया। राज्य के मुख्यमंत्री एवं बीजू जनता दल के प्रमुख नवीन पटनायक, उनके मंत्रिपरिषद के कई सदस्यों, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और साहित्यिक क्षेत्र की अन्य प्रतिष्ठित हस्तियों ने लेखक सताकडी होता के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

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