पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय संघ द्वारा 'भारत बंद' के आह्वान का क्या रहा असर

भारत सरकार से की गई मांगों के पूरा न होने के कारण पिछड़ा और अल्पसंख्यक समुदाय कर्मचारी महासंघ ने बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया था। इसका क्या असर हुआ देखे एक नज़र।
पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय संघ द्वारा 'भारत बंद' के आह्वान का क्या रहा असर
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राज एक्सप्रेस। भारत एक ऐसा देश है जहां करोड़ों की संख्या में अनेक धर्म के लोग रहते है। इन्हें ही भारत की जनता कहा जाता है और भारत की जनता ऐसी है जो, अपनी बात सरकार से जबरदस्ती मनवाने के लिए या तो आंदोलन करती है, या तो सड़कों पर उतर आती है या फिर भारत बंद का आह्वान करती है। भट की इसी जनता में पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी शामिल है। जो इन दिनों सरकार के खिलाफ अपनी मांगे लेकर खड़े है। इन्हीं मांगों के पूरा न होने के कारण पिछड़ा और अल्पसंख्यक समुदाय कर्मचारी महासंघ ने बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया था। इसका क्या असर हुआ देखे एक नज़र।

भारत बंद के आह्वान का असर :

दरअसल, भारत की जनता पहले भी कई बार अपनी मांग पूरी करवाने के लिए भारत बंद का आह्वान कर चुकी है। ऐसे में हमेशा होता यह है, या तो सरकार इनके सामने घुटने टेक देती है या फिर कुछ दिनों तक लगातार आंदोलन और प्रदर्शन करने के बाद यह लोग अपने-अपने कामों में वापस लग जाते है। ऐसे में न केवल उन लोगों को परेशानी होती है जो इस विरोध में शामिल होते है। बल्कि, उन लोगों को भी परेशानी होती है जिन्हें इस मामले से कोई लेना देना ही नहीं है। जो आप हम जैसे आम लोग है। वहीं, बुधवार को पिछड़ा और अल्पसंख्यक समुदाय कर्मचारी महासंघ की तरफ से किए गए भारत बंद के आह्वान के बाद कई दुकाने और मार्केट बंद रहे। जिससे आम लोगों को मुश्किल हुई, लेकिन सरकार ने अब तक इस बारे में कुछ विचार नहीं किया है।

महासंघ की मांगे :

बताते चलें, पिछड़ा और अल्पसंख्यक समुदाय कर्मचारी महासंघ ने जाति जनगणना की मांग को लेकर भारत बंद का आह्वान किया गया था। हालांकि, इसी मामले को लेकर यह पहली बार नहीं था, जब भारत बंद का आह्वान किया गया हो। इस तरह से पहले भी कई बार अलग-अलग राज्यों में इस तरह की मांग उठ चुकी है। जबकि इन मांगों को लेकर भारत सरकार टस से मस नहीं होती है और अब तक इस मामले पर कोई ठोस फैसला सामने नहीं आया है। बता दें, पिछड़ा और अल्पसंख्यक समुदाय कर्मचारी महासंघ द्वारा की जा रही अन्य मांगों में EVM से चुनाव न कराने, जाति जनगणना, किसानों को MSP की गारंटी देने जैसी कई मांगें शामिल हैं।

कई सेवाएं हुई प्रभावित :

BAMCEF के अध्यक्ष वामन मेश्राम ने बताया है कि, 'आंदोलन को राष्ट्रीय परिवर्तन मोर्चा, बहुजन मुक्ति मोर्चा, भारत मुक्ति मोर्चा आदि संगठनों का पूरा समर्थन मिल रहा है। ऐसे में भारत बंद होने से इसका असर देश के कई राज्यों और बड़े शहरों पर भी देखने को मिलेगा। इसी कड़ी में देश की कई सेवा प्रभावित हुई है। जैसे -

  • खाद्य पदार्थ की दुकानें बंद रहने से आम लोगों को मुश्किल हुई।

  • देश के कई राज्यों में परिवहन बंद रहने से लोगों को आने जाने में समस्या हुई।

  • बाजार से जुड़ी सेवा बंद होने के कारण लोग काफी परेशान नजर आये।

  • दुकानों और दूसरी चीजों को भी बंद किया गया।

  • कई प्रदर्शनकारी ट्रेनों की आवाजाही पर भी कुछ समय के लिए रोक लगाने पर विचार कर रहे हैं। यदि ऐसा होता है तो कुछ समय के लिए ट्रेन सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो जाएंगी। जिसका उदहारण आप किसान आंदोलन और कोरोना काल में देख चुके हो।

कई राज्यों में सभी सेवाएं सुचारू रूप से जारी :

बताते चलें, बुधवार को हुए भारत बंद का असर देश के कई बड़े राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु आदि में ही देखने को मिला है। जबकि, इसका असर देशव्यापी स्तर पर नहीं देखने को मिला है। क्योंकि, ज्यादातर राज्यों में सभी सेवाएं सुचारू रूप से चलती रही। गौरतलब है कि, भारत बंद को लेकर सोशल मीडिया पर भी लगातार अपील की जा रही है।

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