राज एक्सप्रेस। यह साल किसी के लिए भी अच्छा साबित नहीं हो रहा है। चाहे वे फिल्म जगत हो या राजनिक जगत। बीते कुछ महीनों में कई नेताओं और अभिनेताओं की मौत की खबर सामने आ चुकी है। वहीं, आज यानि गुरुवार को गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके केशुभाई पटेल के निधन की खबर भी सामने आई है, इस खबर से राजनीतिक जगत में शोक का माहौल है।
गुरुवार को ली अंतिम सांस :
दरअसल, आज यानि गुरुवार को गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने गुरुवार की सुबह सांस लेने में तकलीफ होने रही थी। हार्ट अटैक के चलते उन्हें आज सुबह ही अस्पताल में भर्ती कराया गया और इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। उन्होंने अस्पताल में ही अंतिम सास ली। केशुभाई पटेल का जन्म 24 जुलाई 1928 को हुआ था। उनकी गुजरात में काफी पूछपरख थी। इसलिए ही वह गुजरात में 2 बार मुख्यमंत्री के लिए चुने गए थे।
केशुभाई का कार्यकाल :
बताते चलें, केशुभाई भले ही गुजरात में 2 बार मुख्यमंत्री पद के लिए चुने गए थे, लेकिन वह सरकार बदलने के चलते एक बार भी अपना मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके थे। वहीं, इसी साल 30 सितंबर को उन्हें सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष के लिए दोबारा चुना गया था। गुजरात में साल 2001 में उनकी जगह मुख्यमंत्री का पद वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संभाला था। खबरों की मानें तो इस खबर से PM मोदी को काफी दुःख पहुंचेगा क्योंकि, मोदी उन्हें अपना राजनीतिक गुरु मानते आये हैं। इस बारे में उन्होंने प्रधानमंत्री नियुक्त किये जाने पवार ने बताया था कि, 'पूरी पार्टी की असल कमान केशुभाई के हाथ में ही है। वे BJP का रथ चलाने वाले सारथी हैं।'
केशुभाई का राजनीतिक जीवन :
केशुभाई ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत साल 1960 में जनसंघ के संस्थापक सदस्यों के रूप में की थी।
देश में लगे आपातकाल के बाद 1977 में केशुभाई पटेल राजकोट से लोकसभा के लिए चुने गए थे। हालांकि, उन्होंने बाद में स्वेक्छा से इस्तीफा दे दिया था ,
साल 1978 से 1980 तक बाबूभाई पटेल जनता मोर्चा सरकार के अंतर्गत कृषि मंत्री रहे थे।
साल 1979 में वह मच्छू बांध दुर्घटना, जिसने मोरबी को तबाह कर दिया था, के बाद उन्हें राहत कार्य में शामिल किया गया था।
1978 और 1995 के बीच केशुभाई पटेल ने कलावाड़, गोंडल और विशावादार से विधानसभा के चुनाव में जीत हासिल की थी।
1980 में जनसंघ पार्टी को टूटने के बाद वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ आयोजक बन गए थे।
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