अमित शाह ने नाईपर अहमदाबाद के स्थायी परिसर का किया उद्घाटन
अमित शाह ने नाईपर अहमदाबाद के स्थायी परिसर का किया उद्घाटनRaj Express

Gujarat : अमित शाह ने नाईपर अहमदाबाद के स्थायी परिसर का किया उद्घाटन

अहमदाबाद, गुजरात : पिछले तीन वर्षों से नाईपर गांधीनगर देश के शीर्ष 10 फार्मेसी संस्थानों में शुमार है और नया भवन बनने से प्रथम स्थान पर आने से अब इसे कोई नहीं रोक सकता।

हाइलाइट्स :

  • पिछले तीन वर्षों से नाईपर गांधीनगर देश के शीर्ष 10 फार्मेसी संस्थानों में शुमार है।

  • नाईपर का लक्ष्य औषधि शिक्षा ही नहीं बल्कि अनुसंधान के क्षेत्र में भी दुनिया का शीर्ष संस्थान बनना होना चाहिए।

  • पिछले नौ सालों में गरीबों के लगभग 30,000 करोड़ रुपये दवाओं की खरीद में बचे हैं।

अहमदाबाद, गुजरात। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को गुजरात में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (नाईपर-एनआईपीइआर) अहमदाबाद के स्थायी परिसर का उद्घाटन किया।

अमित शाह ने अपने संबोधन में इस अवसर पर आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कल्पना के अनुसार नाईपर, ज्ञान, शिक्षा, अनुसंधान और व्यापार को जोड़ने वाले सेतु बनकर भारत को फार्मास्युटिकल क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की नींव रखने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 60 एकड़ भूमि पर 8 भवनों में फैला नाईपर गांधीनगर ना केवल भारत बल्कि दुनियाभर में औषधि के क्षेत्र में मानव जीवन को स्वस्थ और संपूर्ण बनाने के लिए बहुत बड़ा योगदान देगा। अमित शाह ने कहा कि पिछले तीन वर्षों से नाईपर गांधीनगर देश के शीर्ष 10 फार्मेसी संस्थानों में शुमार है और नया भवन बनने से प्रथम स्थान पर आने से अब इसे कोई नहीं रोक सकता। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि गांधीनगर विद्याभ्यास के वायुमंडल वाला क्षेत्र है। यहां लॉ यूनिवर्सिटी, नेश्नल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी, दीन दयाल पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी हैं और आज नाईपर भी शुरू हो रहा है जिससे यहां के सभी शिक्षण संस्थानों को एक नई ऊर्जा मिलेगी। उन्होंने कहा कि नाईपर का लक्ष्य औषधि शिक्षा ही नहीं बल्कि अनुसंधान के क्षेत्र में भी दुनिया का शीर्ष संस्थान बनना होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जब तक अनुसंधान के क्षेत्र में भारत महारत हासिल नहीं करता है, तब तक हम विश्व में औषधि निर्माण के क्षेत्र में अपना दबदबा नहीं बना सकते। नाईपर गांधीनगर उत्कृष्टता के एक प्रसिद्ध केन्द्र के रूप में स्थापित हो चुका है और आने वाले दिनों में ये और आगे बढ़ेगा। नाईपर की स्थापना शिक्षा, अनुसंधान, गुणवत्ता और उत्कृष्टता का केन्द्र बनाकर इसे उत्पादन और जनसेवा के साथ जोड़ने के उद्देश्य की गई है। फार्मेसी एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें शिक्षा सिर्फ व्यक्ति को फायदा नहीं पहुंचाती बल्कि मानव जीवन को स्वस्थ और सुदीर्घ बनाने के लिए भी उपयोगी साबित होती है। यहां पढ़ने वाले विद्यार्थी ना सिर्फ अपना जीवन अच्छा बनाएंगे बल्कि करोड़ों लोगों के स्वस्थ जीवन का भी कारण बनेंगे।

अमित अमित शाह ने कहा कि वर्तमान में भारत में सात नाईपर हैं, जिनमें से मोहाली और गुवाहाटी पूर्ण रूप से काम कर रहे हैं और आज नाईपर,गांधीनगर भी पूर्ण रूप से कार्यरत होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि हाजीपुर, हैदराबाद, कोलकाता और रायबरेली में नाईपर के निर्माण का काम प्रगति पर है। नाईपर आज देशभर में तकनीकी और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ा नाम बन चुका है। लगभग 8,000 छात्र यहां से निकलकर प्रोफेशनल क्षेत्र में सफल हो चुके हैं। नाईपर के छात्रों के नाम 380 से अधिक पेटेंट पंजीकृत हो चुके हैं और 7,000 से अधिक रिसर्च पेपर भी प्रकाशित हुए हैं। मोदी सरकार ने यहां स्टेट ऑफ द आर्ट प्रयोगशाला के निर्माण के लिए 2,200 करोड़ रूपए जारी किए हैं जो इस संस्थान के छात्रों को आने वाले दिनों में रिसर्च के क्षेत्र में आगे बढ़ने में मदद करेगा। अमित शाह ने कहा कि नाईपर ने औषधि उद्योग के बीच भी अपनी अच्छी जगह बना ली है औरऔषधि उद्योग और नाईपर के बीच 270 से अधिक एमओयू हो चुके हैं, ये बताता है कि ज्ञान को व्यापार के साथ जोड़ने का कौशल नाईपर में है।केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नाईपर के माध्यम से लगभग 16 स्‍पेश्यलाइजेशन, फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा क्षेत्र में दिए जाते हैं।

उन्होंने कहा कि देश में दवाओं के एपीआई (एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंटस) (एपीआईएस) और की स्टार्टिंग मिनरलस (केएसएमएस) उत्पादन को बढ़ाने के लिए मोदी सरकार ने एक हॉलिस्टिक ऐप्रोच अपनाया है जिससे आने वाले 10 साल में भारत आत्मनिर्भर बन कर इन्हें एक्सपोर्ट भी करेगा। उन्होंने कहा कि16 एपीआई और दो केएसएम के लिए एक कोस्ट इफेक्टिव सस्टेनेबल और अफोर्डेबल प्रोसेस का विकास करने की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि नाईपर में एक अनुसंधान पोर्टल भी शुरू किया गया है जिससे रिसर्च करने वाले लोगों को कई सुविधाएं प्राप्त होंगी।

अमित शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी जी द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि योजना देश के करोड़ों गरीबों के लिए आशीर्वाद बन गई है। देशभर में 10000 जनऔषधि केंद्रों पर1800 दवाएं और 285 सर्जिकल उपकरण,50 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक कम मूल्य में गरीबों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। आज प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र गरीबों के लिए आशीर्वाद केंद्र बन गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई इस योजना को समर्थन देने वाले उद्योगों ने एक प्रकार से देश के गरीब लोगों के जीवन को सुलभ और सरल बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उनके विचार के कारण पिछले नौ सालों में गरीबों के लगभग 30,000 करोड़ रुपये दवाओं की खरीद में बचे हैं। वर्ष 2022-23 में ही 7500 करोड़ रुपए की बचत हुई है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने पीएलआई योजना के माध्यम से फार्मास्यूटिकल उत्पादन के क्षेत्र में48 छोटे-बड़े उद्योगों को 4000 करोड़ रूपए के निवेश की मंजूरी दी है और इसमें से काफी निवेश हो भी चुका है। मेडिकल डिवाइसेस के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भी पीएलआई योजना शुरू की गई जिसमें से 26निवेशकों को लगभग 2000 करोड़ के निवेश की मंजूरी दी जा चुकी है। बल्क ड्रग फार्मा पार्क को बढ़ावा देने के लिए 3000 करोड़ रूपए के टोटल कोस्ट आउटलेय के साथ तीन बल्क ड्रग फार्मा पार्क बनाने का काम भी मोदी सरकार ने किया है। मोदी जी हॉलिस्टिक अप्रोच के साथ मेडिकल डिवाइस के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नेशनल मेडिकल डिवाइस पॉलिसी 2023 भी लेकर आए हैं। मेडिकल डिवाइस मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में लगभग 250 से ज्यादा डिवाइस, 70 स्टार्टअप, 4,000 से ज्यादा क्रेता-विक्रेता और 10,000 से ज्यादा विजिटर को आकर्षित करने वाला पहला एक्सपो भी गांधीनगर में 2023 में आयोजित किया गया जिसमें 47 देशों ने हिस्सा लिया था।

अमित शाह ने कहा कि चाहे आयुष्मान भारत योजना हो, प्राइमरी हेल्थ सेंटर, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर से लेकर वेलनेस सेंटर को मजबूत बनाना हो, योग से स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पैदा करना हो, या मेडिकल क्षेत्र में सीटों को 2.5 गुना बढ़ाना हो, प्रधानमंत्री मोदी जी ने गत नौ वर्षों में स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने का काम किया है। इस सबके साथ ही देश में सात नाईपर बने हैं। मोदी सरकार ने पिछले नौ सालों में देश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक हॉलिस्टिक अप्रोच के साथ काम किया है और देश के लोगों के स्वास्थ्य की चिंता भी की है।

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