भारत और पाकिस्तान ने एक-दूसरे को दी अपने परमाणु ठिकानों की जानकारी
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भारत और पाकिस्तान ने एक-दूसरे को दी अपने परमाणु ठिकानों की जानकारी, जानिए क्या है इसका कारण?

एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के पास इस समय करीब 165 परमाणु हथियार है। वहीं भारत की बात करें तो उसके पास करीब 160 परमाणु हथियार हैं।

राज एक्सप्रेस। नए साल के मौके पर भारत और पाकिस्तान ने एक-दूसरे के साथ अपने परमाणु प्रतिष्ठानों और संस्थानों से जुड़ी जानकारी साझा की है। बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब दोनों देशों ने एक-दूसरे को अपने परमाणु प्रतिष्ठानों और संस्थानों से जुड़ी जानकारी दी है, बल्कि यह सालों से होता आया है। हर साल 1 जनवरी को दोनों देश ऐसा करते हैं। तो चलिए आज हम जानेंगे कि दोनों देश एक-दूसरे को अपने परमाणु ठिकानों की जानकारी क्यों देते है?

कब हुआ था समझौता?

बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच अपने परमाणु ठिकानों की जानकारी साझा करने का समझौता 31 दिसंबर 1988 को हुआ था। 27 जनवरी 1991 को इस समझौते को लागू कर दिया गया था। पहली बार 1 जनवरी 1992 को भारत और पाकिस्तान ने एक-दूसरे को अपने परमाणु ठिकानों की जानकारी दी थी। उसके बाद से हर साल 1 जनवरी को दोनों देश ऐसा करते आए हैं।

क्यों करते हैं ऐसा?

अब आप सोच रहे होंगे कि दोनों देश ऐसा क्यों करते हैं? तो बता दें कि इस समझौते का मकसद यह है कि दोनों देश एक-दूसरे के परमाणु प्रतिष्ठान या संस्थानों को ना तो नष्ट करेगा और ना ही नुकसान पहुंचाने के मकसद से हमला करेगा, चाहे फिर युद्ध की स्थिति ही क्यों ना हो। इसका कारण यह है कि परमाणु ठिकानों पर हमला होने की स्थिति में वहां से खतरनाक रेडिएशन निकल सकता है जिससे भारी नुकसान होगा। इस रेडिएशन से सीमा पार भी तबाही मच सकती है।

दोनों देशों के पास कितने परमाणु हथियार?

दोनों देशों के पास कितने परमाणु हथियार हैं इसकी कोई सटीक जानकारी नहीं है। इसका कारण यह है कि कोई भी देश यह नहीं बताता है कि उसके पास कितने परमाणु हथियार हैं। हालांकि कहा जाता है कि पिछले कुल सालों में पाकिस्तान ने भारत के मुकाबले अधिक परमाणु हथियार बनाए हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के पास इस समय करीब 165 परमाणु हथियार हैं। वहीं भारत की बात करें तो उसके पास करीब 160 परमाणु हथियार हैं।

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