भारत और इजरायल ने किया नया समझोता
भारत और इजरायल ने किया नया समझोताRaj Express

औद्योगिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान पर सहयोग बढ़ाएंगे भारत, इजरायल

भारत और इजरायल ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आपसी सहयोग को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक नया समझौता किया है।

नई दिल्ली। भारत और इजरायल ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आपसी सहयोग को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक नया समझौता किया है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की गुरुवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार दोनों देश आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, क्वांटम और सेमीकंडक्ट, संश्लेषित जीव विज्ञान जैसे विभिन्न उभरते क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास की परियोजनाओं के लिए परस्पर सहयोग बढ़ाएंगे।

इस समझौते पर भारत की और से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के संगठन वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की महानिदेशक एन कलाइसेल्वी तथा इजरायल की ओर से वहां के रक्षा मंत्रालय के संगठन रक्षा अनुसंधान एवं विकास निदेशालय (डीडीआरएंडडी) के प्रमुख डेनियल गोल्ड ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह तथा भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलॉन उपस्थित थे।
डॉ. कलाइसेल्वी ने इस अवसर पर सीएसआईआर की प्रौद्योगिकी तथा अनुसंधान क्षमताओं पर एक प्रस्तुती दी तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय से संस्था को मिलने वाले सहयोग और संरक्षण के लिए डॉ. सिंह के प्रति आभार जताया।

डॉ. गोल्ड ने सीएसआई और और डाीडीआरएंडडी के बीच सहयोग की वर्तमान गतिविधियों की सराहना की और कहा कि दोनों संस्थाओं के बीच सहयोग दोनों देशों की जनता के कल्याण में सहायक होगा।

राजदूत गिलॉन ने भारत और इजरायल के बीच राजनयिक संबंधों के सफलतापूर्ण तीन दशक पूरे होने का उल्लेख करते हुए कहा कि दोनों देशों के संबंध अब बढ़ते हुए रणनीतिक भागीदारी के स्तर पर पहुंच गए हैं।

विज्ञप्ति के अनुसार नए समझौते के तहत दोनों संस्थाएं आपसी सहमति से तय औद्योगिक प्रौद्योगिकी पर अनुसंधान एवं विकास की परियेाजनाओं में सहयोग करेंगी।इसके तहत स्वास्थ्य सेवा-सुश्रुषा, अंतरिक्ष एवं इलेक्ट्रानिक उपकरण, सिविल, अवसंरचना एवं अभियांत्रिकी, रसायन एवं पेट्रो- रसायन, स्वस्थ ऊर्जा एवं संबंधित उपकरण, पारिस्थितिकी, पर्यावरण , पृथ्वी एवं सागर विज्ञान तथा जल, खनन, खनिज , धातु एवं सामग्री, कृषि , पोषाहार एवं जैव प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों की प्रौद्योगिकी पर काम करने की योजना है।

इस समझौते के तहत परियोजनाओं के क्रियान्वयन और निरीक्षण के लिए एक संयुक्त संचालन समिति करेगी जिसका नेतृत्व सीएसआईआर तथा डीडीआरएंडी के प्रमुख संयुक्त रूप से करेंगे।

दोनों संस्थाएं हाइड्रोजन तथा अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में विशिष्ट प्रकार के सहयोग के विषयों पर इस समय आपस में बातचीत कर रही हैं। सीएसआईआर की राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रयोगशाला (सीएसआईआर-एनएएल) और राष्ट्रीय रसायनिक प्रयोगशाला (सीएसआईआर) के निदेशक क्रमश: अभय पाशिलकर और आशीष लेले ने संबंधित क्षेत्रों में उन्नत अनुसंधान के लिए सहयोग पर चल रही चर्चाओं का विवरण दिया। उन्होंने सीएसआईआर के क्रमश: (हाई आल्टीट्यूड प्लेटफार्म) ऊंचायी पर काम आने वाले मंच तथा हाइड्रोजन वैली कार्यक्रम जैसी भविष्योन्मुखी परियोजनाओं में सहयोग की योजना को स्वागत योग्य बताया।

कार्यक्रम में कोविड-19 की एक दवा के क्लिनिकल परीक्षण के लिए सीएसआईआर-इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी और मैसर्स 101 थेराप्यूटिक्स के बीच सहयोग पर भी जानकारी दी गई।

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