भारत फिर एक दिन विश्व गुरु बनेगा : जगदीप धनखड़
भारत फिर एक दिन विश्व गुरु बनेगा : जगदीप धनखड़Social Media

भारत फिर एक दिन विश्व गुरु बनेगा : जगदीप धनखड़

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जो विश्व के कल्याण की बात कर रहा है। वह विश्वगुरु था और फिर से एक दिन निश्चित रूप से विश्व गुरु बनेगा।

माउंट आबू। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जो विश्व के कल्याण की बात कर रहा है। वह विश्वगुरु था और फिर से एक दिन निश्चित रूप से विश्व गुरु बनेगा।श्री धनखड़ ने आज आबू रोड में ब्रह्माकुमारीज संस्थान के 85वें वार्षिकोत्सव और दीपावली स्नेह मिलन समारोह में शिरकत की और उन्होंने दीप प्रज्जवलन कर वार्षिकोत्सव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने सशक्त, समृद्ध और स्वर्णिम भारत विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जिसका हमने सपना देखा था वह जल्द ही साकार होगा। हमारी शैक्षणिक संस्थाओं ने दुनिया का मार्ग प्रशस्त किया है। दुनिया के इतिहास में सच्चाई और शांति का संदेश देने वाला भारत के अलावा और कोई राष्ट्र नहीं है।

श्री धनखड़ ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े संकट कोरोनाकाल में भी भारत ने अपने सांस्कृतिक मूल्यों का ध्यान रखते हुए पूरी दुनिया की सेवा की। अर्थव्यवस्था में भारत ने छलांग लगाकर दुनिया की पांचवीं अर्थव्यवस्था बना। इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम जल्द ही एक दशक के अंदर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे। उपराष्ट्रपति ने अपने सांसद कार्यकाल को याद करते हुए कहा " 33 साल पहले एक सांसद के रूप में मुझे 50 गैस कनेक्शन मिले थे। वह मेरी ताकत थी। मैंने सोचा था कि कम से कम 50 घरों में हमारी मातृ शक्ति के आंसू पोंछ सकूंगा। आज हमारी सरकार ने महिलाओं के लिए उज्जवला योजना से 18 करोड़ परिवारों को मुक्त गैस कनेक्शन दिए हैं।" उन्होंने कहा कि आज के नवयुवकों के मन में विचार और बदलाव की आवश्यकता है उसे धन की तो कतई कमी नहीं है। इतिहास का अध्ययन करेंगे तो पता चलेगा तो भारत के लोगों ने कभी गरीबी की बात नहीं की। उन्होंने दुनिया को मूल्यवान बनाने की बात की है।

ब्रह्माकुमारीज ने जो विजन बनाया है मैं उसे सलाम करता हूं।उन्होंने कहा " यह दिन मुझे सदा याद रहेगा। जीवन की सच्चाई अंदर है। ब्रह्माकुमारीज में आकर भारतीय दर्शन की सोच के दर्शन होते हैं। दुनिया का कोई भी भू-भाग नहीं है जहां पर ब्रह्माकुमारीज की उपस्थिति न हो। यह उपस्थिति कोई भूगोल से जुड़ी नहीं बल्कि आध्यात्म की उपस्थिति है। यहां जो राजयोग की बात कही गई वह अमिट है और आज विश्व की आवश्यकता है। कम शब्दों में यहां जो बताया वह गीता का सार है।" उन्होंने कहा " मैंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का गहन अध्ययन किया है और मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि इस नीति ने हमारी संस्कृति, विचारों और विरासत को पटल पर रखकर इसका निर्माण किया है। देश नई दिशा में जाएगा क्योंकि शिक्षा मूल है। धर्म हमारी धरोहर और पूंजी है। आध्यात्म, धर्म यूनिवर्सल है। जिसका प्रचार-प्रसार करने का कार्य ब्रह्माकुमारीज कर रही है।" ब्रह्माकुमारीज की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका व लंदन के सेवाकेंद्रों की निदेशिका बीके जयंती ने कहा कि भारत की संस्कृति और त्योहार आज विश्वव्यापी हो गए है। राजयोग दुनिया के लिए भारत की सौगात है। इस मौके मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि श्रममंत्री सुखराम विश्रोई भी मौजूद थे।

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