नौसेना को मिला देश का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर
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नौसेना को मिला देश का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर, जानिए इसकी खासियत, ताकत और क्षमता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोच्चि शिपयार्ड में एक समारोह के दौरान INS विक्रांत को भारतीय नौसेना के हवाले कर दिया है। देखा जाए तो नया INS पुराने विक्रांत से हर मायने में बेहतर है।

राज एक्सप्रेस। आज देश को अपना पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत मिल गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोच्चि शिपयार्ड में एक समारोह के दौरान इसे भारतीय नौसेना को सौंप दिया है। इसे INS विक्रांत का पुनर्जन्म भी कहा जा रहा है। दरअसल भारत के पास पहले भी INS विक्रांत था, जिसे ब्रिटेन से खरीदा गया था। साल 1971 की लड़ाई में INS विक्रांत ने पाकिस्तान को खासा नुकसान पहुंचाया था। हालांकि साल 1997 में INS विक्रांत को नेवी से रिटायर कर दिया गया था, लेकिन अब इसे वापस नौसेना में शामिल किया गया है। इस नए INS विक्रांत को भारत में ही बनाया गया है। यह पुराने INS विक्रांत से हर मायने में बेहतर है।

INS विक्रांत की ताकत :

यह दुनिया के 10 सबसे ताकतवर एयरक्राफ्ट में से एक है। इस एयरक्राफ्ट से 32 बराक-8 मिसाइलें दागी जा सकती हैं। INS विक्रांत पर चार AK 630 CIWS प्वाइंट डिफेंस सिस्टम गन लगी हैं, जो टारगेट की दिशा में घूमकर 10 हजार राउंड प्रति मिनट की दर से फायरिंग कर सकती है। इसके अलावा MiG-29K फाइटर जेट्स, MH-60R मल्टीरोल नेवल हेलिकॉप्टर, ALH Dhruv और कामोव केए-31 AEW हेलिकॉप्टर सहित 30 से 35 एयरक्राफ्ट तैनात किए जा सकते हैं।

INS विक्रांत की क्षमता :

INS विक्रांत का डिस्प्लेसमेंट 45 हजार टन है। यह 30 से 35 एयरक्राफ्ट लेकर चल सकता है। इसका कुल क्षेत्रफल 2.5 एकड़ है। इसकी अधिकतम गति 52 किलोमीटर प्रतिघंटा है। इसकी स्ट्राइक रेंज 1500 किलोमीटर जबकि सेलिंग रेंज 15 हजार किमी है। इस एयरक्राफ्ट पर हर समय 1500 से 1700 नौसैनिक तैनात रहेंगे।

INS विक्रांत की खासियत :

INS विक्रांत पर 4 LM-2500 गैस टर्बाइन्स लगे हैं, जिनसे 88 मेगावाट बिजली पैदा होती है। INS विक्रांत पर बना किचन इतना अत्याधुनिक है कि यहां पूरे दिन में 5000 थाली भोजन तैयार किया जा सकता है। इसमें खाना बनाने के लिए ऑटोमेटिक मशीनें लगी हुई हैं। इसके अलावा इसमें मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल भी है। इसकी ख़ास बात यह भी है कि एक बार ईधन भरने पर यह 45 दिन तक समुद्र में रह सकता है। इसमें बीच समुद्र में भी ईधन भरा जा सकता है। यानी आप इसे चलता फिरता शहर भी कह सकते हैं।

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