राज एक्सप्रेस। महामारी ‘कोरोना वायरस’ की आपादा के बढ़ते कहर व Covid-19 के संकट के अंधकार को चुनौती देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशवासियों से कुछ न कुछ अपील कर रहे हैं और ऐसे हालातों में हर एक भारतवासीे ने भी पूरी निष्ठा-इमानदारी के साथ उनकी अपील का सम्मान करते हुए पालन कर एक नया नमूना पेश किया और पूरी दुनिया को ये बताया कि घातक वायरस के विरूद्ध इस लड़ाई में भी पूरा देश एक साथ खड़ा है।
PM नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोनारूपी अंधकार को भगाने के लिए 5 अप्रैल रात 9 बजे 9 मिनट के लिए सभी से घरों की लाइट बंद करके, बालकनी में आकर या छतों पर जाकर दीये, मोमबत्ती या टॉर्च-मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाने को कहा गया था, जिसे पूरे देश में ‘प्रकाश पर्व’ की तरह मनाया गया, चारो तरफ दीए की रोशनी से हिंदुस्तान जगमगा गया। देखा जाए तो भारतवासियों ने कोरोना आपादा में भी देश की एकता दर्शाते हुए एक उत्सव, दीपोत्सव कर अप्रैल के माह में भी दिवाली का जश्न मनाया, जिसे इतिहास याद रखेगा।
कुछ लोगों ने रंगोली बनाकर बढ़ाया उत्साह :
वहीं, मध्यप्रदेश के रतलाम के नागरवास में देश की विश्वव्यापी बीमारी भगाने के लिए कुछ लोगों ने रंगोली बनाकर उत्साह मनाया, इस दौरान नन्हें-मुन्ने बच्चों-बालिका-महिलाओं ने मिलकर सेल्यूट टू पुलिस डाक्टर... वंदेमातरम्... लक्ष्मण रेखा आदि नारे की रंगोली का अद्भुत नजारा प्रस्तुत किया।
कोरोना आपादा के बीच भारतवासियों द्वारा दिए गए अपने 9 मिनट व दीए की रोशनी से दहशत का ‘कोरोना वायरस’ हारेगा व महामारी हारेगी, इस दौरान हर एक व्यक्ति ने कोरोना को भगाने के लिए दीपक प्रजवतिल किए। ऐसा पहली बार है कि, किसी एक शख्स के कहने पर अप्रैल में भी दिवाली जैसा जश्न नजर आया, साथ ही कोरोना को भगाने...अंधकार को दूर करने के लिए अद्भुत दीपों की रोशनी जगमगाई, कई जगहों पर शंख-घंटी भी बजी, लेकिन PM मोदी की बातों की अवहेलना की भी कई जगह हुई। देश में दीपक की रोशनी का अद्भुत दृश्य तो दिखा, लेकिन ऐसा क्यों हुआ यानी पटाखें क्यों चले?
महामारी कोरोना की महाजंग के चलते लोगों ने नौ मिनट के अद्भुत नजारों के बीच नियमों का उल्लंघन भी किया है। सोशल डिस्टेंसिंग व घर के बाहर इकट्ठा नहीं होने की बात की धज्जियां उड़ाई, इसके अलावा लोगों ने आतिशबाजी भी की या कहे पटाखा फोड़े... यहां तक की DJ भी चला दिए तो कुछ जगहों पर ‘जय श्री राम’ के नारे की गूंज भी सुनाई दी।
इसके बाद अब सवाल ये उठता है कि, प्रधानमंत्री ने सिर्फ दीपों की रोशनी और सोशल डिस्टेंसिंग रखे जाने की बात कही थीं, लेकिन पटाखों फोड़ने व कोरोना आतिशबाजी को कब कहा? परंतु लोगों ने दीपक जलाने के साथ-साथ प्रभु जय श्रीराम की नारेबाजी और आतिशबाजी भी की। नियमों का उल्लघंन कर लोगों ने उनकी (PM मोदी) बातों की अवहेलना कर दीवाली जैसा ही पूरा जश्न मानाया...कुछ जगहों पर घरों के बाहर लोग इकट्ठा खड़े होते हुए भी नजर आए।
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