जानिए कश्मीर में जी20 की बैठक से क्या हासिल करना चाहता है भारत?
जानिए कश्मीर में जी20 की बैठक से क्या हासिल करना चाहता है भारत?Syed Dabeer Hussain - RE

जानिए कश्मीर में जी20 की बैठक से क्या हासिल करना चाहता है भारत?

भारत ने इस आयोजन के जरिए स्पष्ट संदेश दिया है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और वह जब चाहे यहां कोई भी आयोजन कर सकता है। इसके लिए उसे किसी से परमिशन लेने की जरूरत नहीं है।

G20 Summit in Kashmir : जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के श्रीनगर में G20 की बैठक (G-20 Summit) का आगाज हो गया है। कड़ी सुरक्षा के बीच 17 देशों से 60 से ज्यादा विदेशी प्रतिनिधि श्रीनगर पहुंच चुके हैं। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद कश्मीर में यह पहला बड़ा आयोजन हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ भारत के इस आयोजन से पड़ोसी देश पाकिस्तान को मिर्ची लगी है। वह खुलकर श्रीनगर में हो रही इस बैठक का विरोध कर रहा है। पाकिस्तान के समर्थन में चीन, तुर्किये और सऊदी अरब ने भी इस मीटिंग में हिस्सा नहीं लिया। हालांकि दुनिया के अन्य 17 बड़े देशों ने इस मीटिंग में हिस्सा लेकर पाकिस्तान को आईना दिखाया है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर कश्मीर में G20 की बैठक करवाकर भारत क्या हासिल करना चाहता है?

कश्मीर में सब कुछ सामान्य

दरअसल इस बैठक के जरिए भारत पूरी दुनिया को यह संदेश देना चाहता है कि कश्मीर में सब कुछ ठीक है। गौरतलब है कि कश्मीर ने दशकों से हिंसा देखी और झेली है। धारा 370 हटाने के बाद से पाकिस्तान पूरी दुनिया में यह प्रोपगैंडा फैला रहा है कि कश्मीर में हालात सामान्य नहीं है और भारत वहां के आम लोगों पर अत्याचार कर रहा है। लेकिन भारत ने इस आयोजन के जरिए पाकिस्तान की पोल खोल दी।

कश्मीर भारत का अभिन्न अंग

पाकिस्तान और चीन हमेशा से कश्मीर को एक विवादित हिस्सा बताते रहे हैं। यही कारण है कि वह कश्मीर में हो रही मीटिंग का विरोध कर रहे है। वहीं भारत ने इस आयोजन के जरिए स्पष्ट संदेश दिया है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और वह जब चाहे यहाँ कोई भी आयोजन कर सकता है। इसके लिए उसे किसी से परमिशन लेने की जरूरत नहीं है।

कश्मीर में बढ़ेगा पर्यटन

दरअसल कश्मीर में जो G20 की बैठक हो रही है, वह G20 की पर्यटन कार्य समूह की बैठक है। इस बैठक के जरिए भारत पूरी दुनिया को कश्मीर की खूबसूरती, समृद्ध संस्कृति और परंपरा दिखाना चाहता है। इससे कश्मीर में पर्यटन की संभावना बढ़ेगी। एक अनुमान के अनुसार इस बैठक के चलते इस साल करीब 2 करोड़ लोग कश्मीर में घूमने के लिए आ सकते हैं। इन सब के जरिए सरकार कश्मीर के लोगों को रोजगार से जोड़कर वहां समृद्धि लाना चाहती है।

फिल्म उद्योग को बढ़ावा

दरअसल इस बैठक के जरिए सरकार कश्मीर में फिल्म शूटिंग को भी बढ़ावा देना चाहती है। इसके लिए ‘फिल्म पर्यटन पर राष्ट्रीय रणनीति’ का एक मसौदा तैयार किया जाएगा। दरअसल वर्तमान में कई फिल्म निर्माता शूटिंग के लिए स्विटजरलैंड, यूरोप-अमेरिका जाते हैं, जबकि कश्मीर में ही बर्फ से ढके पहाड़ और खूबसूरत वादियां हैं।

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