कैसा है आईएनएस विक्रांत? जिस पर लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट और मिग-29K ने की लैंडिंग
राज एक्सप्रेस। बीते सोमवार को भारतीय नौसेना ने पहली INS विक्रांत पर दो लड़ाकू विमानों की सफल लैंडिंग करवा कर इतिहास कायम कर दिया है। यह पहली बार है जब INS विक्रांत पर इस तरह का नजारा देखने को मिला। नौसेना की तरफ से दोनों लड़ाकू विमानों को लेकर बताया गया कि उन्होंने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट और मिग-29K का सफल टेक ऑफ और लैंडिंग की है। यह एक एतिहासिक पल होने के साथ ही भारतीय नौसेना के जज्बे और एक बड़ी उपलब्द्धि को दर्शाता है। गौरतलब है कि INS विक्रांत मेड इन इंडिया एयरक्राफ्ट कैरियर है और देश की उम्मीदों पर खरा उतर रहा है। ऐसे में चलिए आपको बताते हैं INS विक्रांत के बारे में।
नौसेना में हुआ शामिल :
2 सितम्बर 2022 को पीएम मोदी ने कोच्चि शिपयार्ड में INS विक्रांत को नौसेना में शामिल किया था। INS विक्रांत के निर्माण के साथ ही भारत ने उन देशों में भी अपनी जगह कायम कर ली जो 40000 टन से अधिक श्रेणी के एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने में सक्षम है। इस एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) के द्वारा किया गया है। जबकि इसे वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो के द्वारा डिजाइन किया गया है।
INS विक्रांत की खास बातें :
INS विक्रांत देश में बनाया गया सबसे बड़ा युद्धपोत है, जिसकी क्षमता 45 हजार टन है। यह INS विक्रमादित्य के बाद दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर है।
एयरक्राफ्ट कैरियर की खासियत है कि इसमें फ्यूल के 250 टैंकर्स और 2400 कम्पार्टमेंट मोजूद हैं। इसके साथ ही इस पर एक साथ में 1600 क्रू मेम्बर्स और 30 विमानों को तैनात किया जा सकता है।
INS विक्रांत पर कुल 8 डाइनिंग हॉल और 16 बेड वाला हॉस्पिटल है। यहाँ 2 ऑपरेशन थिएटर है और CT स्कैन भी किया जा सकता है।
इस युद्धपोत में करीब 700 सीढियाँ हैं और यदि आप पूरे युद्धपोत के गलियारों में पैदल चलते हैं तो यह करीब 8 किमी की दूरी होती है।
INS विक्रांत में मौजूद कैंटीन में एक घंटे में तकरीबन 1600 लोगों का खाना बनाया जा सकता है। इसके किचन में रोजाना 10 हजार रोटियां बन सकती हैं।
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