मध्यप्रदेश की जेलों में क्षमता से 48 फीसदी अधिक कैदी
मध्यप्रदेश की जेलों में क्षमता से 48 फीसदी अधिक कैदीKshitij Vyas

मध्यप्रदेश की जेलों में क्षमता से 48 फीसदी अधिक कैदी

मध्यप्रदेश : जेल नियम के अनुसार कुल क्षमता के बराबर ही कैदी रखे जा सकते हैं, लेकिन मप्र की 131 जेलों में 48.55 फीसदी कैदी क्षमता से अधिक ठूस दिए गए हैं।

हाइलाइट्स :

  • जेलों में कुल 14 हजार 334 कैदी अधिक

  • प्रमुख्य मुख्य प्रहरी के 181, मुख्य प्रहरी 259 और प्रहरी के 283 पद रिक्त

राज एक्सप्रेस। जेल नियम के अनुसार कुल क्षमता के बराबर ही कैदी रखे जा सकते हैं, लेकिन मप्र की 131 जेलों में 48.55 फीसदी कैदी क्षमता से अधिक ठूस दिए गए हैं। 131 जेलों की कुल क्षमता 29 हजार 525 कैदी रखने की निर्धारित है, लेकिन इस समय विभिन्न श्रेणी की जेलों के बैरक में कुल 43 हजार 859 कैदी बंद हैं। क्षमता से 14 हजार 334 कैदी अधिक रखे गए हैं, जबकि प्रदेश की 131 जेल में 11 केंद्रीय जेल भी शामिल है। इनमें भी क्षमता से 48.27 फीसदी कैदी अधिक बंद हैं। दूसरी ओर जेल प्रमुख्य मुख्य प्रहरी के 181, मुख्य प्रहरी 259 और प्रहरी के 283 पद रिक्त हैं। वित्तीय वर्ष 2020-21 में जेल विभाग ने कुल बजट 41198.11 लाख में से अब तक 27551.26 लाख रुपए खर्च किए हैं।

जेल सुधार समिति के सुझाव पर नियम और कानून में बदलाव किए जाते रहे हैं, लेकिन सालों बाद भी जेल सुधार समिति के सुझाव पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिसमें जेलों में क्षमता बहुत अधिक कैदी न रखना शामिल है। मौजूदा समय में जेलों में भेड़-बकरियों की तरह कैदियों को ठूंसा जा रहा है, जबकि जेल में क्षमता 48.55 फीसदी कैदी की संख्या अधिक हो गई है। इससे न केवल कैदी का जीवन कठिन हो रहा है, बल्कि जेल प्रशासन को सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाने में भी पसीने छूट रहे हैं। जेल सुरक्षा को लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं, पर क्षमता से कई गुना अधिक कैदी की बढ़ती संख्या पर कोई पहल नहीं की गई है।

141 बच्चे भी बंद हैं जेल में :

प्रदेश के विभिन्न श्रेणी के कुल 131 जेलों में कुल 141 बच्चे भी रह रहे हैं। जिसमें केंद्रीय जेल में 59, जिला जेल में 70 और सब जेल में 12 बच्चे शामिल हैं। महिला कैदी केंद्रीय जेल में 870, जिला जेल में 674 और सब जेल में 69 बंद हैं। प्रदेश की कुल 06 खुली जेल की क्षमता 94 है और यहां केवल 06 कैदी रखे गए हैं।

विभिन्न जेल में क्षमता से अधिक कैदी :

  • कुल 11 केंद्रीय जेल जिनकी क्षमता 14564 की जिसमे बंद कैदियों की संख्या 21594 क्षमता से 7030 (48.27 फीसदी) अधिक।

  • कुल 41 जिला जेल जिनकी क्षमता 9652 की जिसमे बंद कैदियों की संख्या 14490 क्षमता से 4838 (50.12 फीसदी) अधिक।

  • कुल 73 सब जेल जिनकी क्षमता 5215 की जिसमे बंद कैदियों की संख्या 7759 क्षमता से 2544 (48.78 फीसदी) अधिक।

कुल 131 जेल जिनकी क्षमता 29525 कैदियों की जिनमे 43859 कैदी बंद क्षमता से 14334 (48. 55 फीसदी) अधिक।

जेल विभाग में कितने पद रिक्त :

जेल विभाग में प्रथम श्रेणी के 22 पद स्वीकृत हैं ,जिसमें से 15 पद भरे और 07 पद रिक्त हैं। द्वितीय श्रेणी के 197 पद स्वीकृत, 105 पद भरे और 92 पद रिक्त हैं। इसी प्रकार तृतीय श्रेणी के 6371 स्वीकृत पद हैं, इनमें से 5356 पद भरे हैं, जबकि 1015 पद खाली हैं और चतुर्थ श्रेणी के 313 पद स्वीकृत हैं, इसमें से 288 पद भरे हैं और 25 पद रिक्त हैं। रिक्त पदों में जेल प्रमुख्य मुख्य प्रहरी के 181, मुख्य प्रहरी 259 और प्रहरी के 283 रिक्त पद शामिल हैं।

पांच वित्तीय वर्ष का बजट :

  • 2016-17 वर्ष में स्वीकृत बजट 34235.82 जिसमें से व्यय बजट 30355.79

  • 2017-18 वर्ष में स्वीकृत बजट 29736.27 जिसमें से व्यय बजट 29268.67

  • 2018-19 वर्ष में स्वीकृत बजट 34917.85 जिसमें से व्यय बजट 32876.07

  • 2019 -20 वर्ष में स्वीकृत बजट 40469.71 जिसमें से व्यय बजट 36934.66

  • 2020-21 वर्ष में स्वीकृत बजट 41198.11 जिसमें से व्यय बजट 27551. 26

इनका कहना है :

जेल सुधार समिति के सुझावों को गंभीरता से लिया जाता है, जेल में क्षमता से अधिक कैदी संख्या की रिपोर्ट समय- समय पर शासन को भेजी जाती रही है। जेल विभाग में रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शासन स्तर पर होना है।

अरविंद कुमार, जेल महानिदेशक, मप्र

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