राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश में पूर्व सरकार के समय के घोटाले और भूमाफियाओं पर कड़ी कार्रवाई करने की प्रक्रिया लगातार जारी है इसके चलते ही राजधानी में मकान आंवटन में घोटाले का ताजा मामला सामने आया है जिसकी जांच में जहां 96 मामले सामने आए वहीं मामले में दोषी कर्मचारी को जहांगीराबाद पुलिस ने गिरफ्त में लिया है। यह घोटाला पुलिस विभाग में पुलिसकर्मियों को मकान आंवटन के दौरान हुआ था, जिस पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
क्या है मामला :
जानकारी के मुताबिक, यह घोटाला पू्र्व भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान होने का बताया जा रहा है जिस समय पुलिस मुख्यालय द्वारा पुलिसकर्मियों को सरकारी आवास मुहैया करवाने थे। जिसके लिए निश्चित अवधि निर्धारित की गई थी लेकिन जांच में सामने आया है कि गृह विभाग के एक लिपिक राहुल खरते द्वारा मुख्यमंत्री की जाली नोटशीट बनाकर पुलिसकर्मियों को मकान आवंटित किए गए। साथ ही पाया कि आरोपी लिपिक मकान आवंटन करने के नाम पर करीबन 70 हजार से एक लाख रूपए तक एक पुलिसकर्मी से वसूलता था। संपदा संचालनालय द्वारा की गई जांच में अब तक 96 पुलिसकर्मियों के मकानों के फर्जीवाड़े के मामले सामने आए हैं।
पिछले सालों के आंकड़ो की जांच में खुलासा
इस संबंध में संपदा संचालनालय ने 2018 से 2019 के मकान आवंटन के मामलों की जांच की, जिसमें 2018 में 25 मामले तो वहीं 2019 में 66 मामले सामने आए है। वहीं कर्मचारी की विभाग में सेवाओं के चलते अनुमान लगाया जा रहा है कि मकान आंवटन घोटाला काफी समय से चल रहा होगा जिसके लिए संचालनालय द्वारा वर्ष 2014 से 2017 तक के मामलों पर जांच की जा रही है। विभाग ने इस मामले की सभी जानकारी पुलिस को भेजी है।
पुलिकर्मियों को भेजा नोटिस
इस संबंध में आगे की कार्रवाई करते हुए विभाग ने पुलिसकर्मियों को फरवरी महीने तक मकान खाली करने का नोटिस जारी किया है।
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