आदिवासी झामसिंह एनकाउन्टर केस में विशेष जांच दल गठित
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बालाघाट: आदिवासी झामसिंह एनकाउन्टर केस में नया मोड़, विशेष जांच दल हुआ गठित

बालाघाट, मध्यप्रदेश: आदिवासी झाम सिंह धुर्वे की मौत के मामले में नया मोड़ आया है, जहां विशेष जांच के लिए पुलिस मुख्यालय ने एसआईटी का गठन कर दिया है।

बालाघाट, मध्यप्रदेश। प्रदेश में महामारी का प्रकोप जहां बढ़ते संक्रमण के साथ अब भी जारी है तो वहीं संक्रमण काल में कई अप्रत्याशित घटनाएं सामने आती जा रही हैं, इस बीच ही जिले से बीते दिन पूर्व पुलिस और नक्सली मुठभेड़ के दौरान हुई आदिवासी झाम सिंह धुर्वे की मौत के मामले में नया मोड़ आया है, जहां विशेष जांच के लिए पुलिस मुख्यालय ने एसआईटी का गठन कर दिया है जो जांच के लिए रवाना हो गया है।

क्या था पूरा मामला

मिली जानकारी के अनुसार, बालाघाट के गढ़ी थाना क्षेत्र के अंतर्गत सुपखार जंगल के बांसबेहरा में कुछ दिनों पहले पुलिस औऱ नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई और जमकर फायरिंग का दौर चला। जहां सुबह इसी स्थान पर सर्चिंग दौरान एक व्यक्ति का शव मिला। मृतक की पहचान छत्तीसगढ़ कबीरधाम जिले के झलमला थाना क्षेत्र अंतर्गत शीतलपानी निवासी 45 वर्षीय झामसिंह के रूप में हुई। जिसमें इस मौत को फर्जी एनकाउंटर के साथ किन परिस्थितियों में मौत हुई इसे लेकर जांच की जाएंगी।

मामले को लेकर छग के वन मंत्री ने सीएम को लिखा था पत्र

इस संबंध में बताते चलें कि, मामले को लेकर छत्तीसगढ़ के वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को यह बताते हुए पत्र लिखा था कि झामसिंह नक्सली नहीं था ना ही उसका ऐसा कोई पुलिस रिकार्ड है कार्यवाही की मांग की थी। इसके साथ ही मृतक के परिजनों के साथ संवेदनाएं व्यक्त कर एक लाख की आर्थिक मदद भी पीड़ित परिवार को दी।

सीआईडी के नेतृत्व में हुआ एसआईटी का गठन

इस संबंध में, डीजीपी विवेक जौहरी ने बालाघाट एसपी और आईजी की अनुशंसा पर थाना गढ़ी में झाम सिंह की मौत को लेकर दर्ज अपराध में आगे की विवेचना अपराध अनुसंधान विभाग यानी सीआईडी को सौंपी थी जहां से सीआईडी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन हुआ है जो जांच के लिए बालाघाट पहुंच गई है यह एसआईटी जांच के संबंध में पल-पल की रिपोर्ट मुख्यालय को देगा।

एसआईटी टीम में यह अधिकारी हैं शामिल

इस संबंध में आपको बताते चलें कि,एसआईटी के प्रभारी अपराध अनुसंधान विभाग सतर्कता एआईजी सुनील शिवहरे हैं जबकि इसके इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर अपराध अनुसंधान विभाग के डीएसपी नितेश भार्गव हैं। बाकी टीम के 2 सदस्य जबलपुर जोनल कार्यालय अपराध अनुसंधान विभाग के निरीक्षक पीके मरकाम और भोपाल अपराध अनुसंधान विभाग के उप निरीक्षक कपिल गुप्ता हैं। इसके अलावा मानव अधिकार आयोग ने भी मामले में संज्ञान लेते हुए डीजीपी से रिपोर्ट तलब की है। जिस पर संज्ञान लेते हुए तमाम स्तरों पर रिपोर्ट मांगी है, रिपोर्ट मिलने के बाद आयोग इसका अध्ययन करेगा और आगे की कार्रवाई करेगा। इस मामले की मजिस्ट्रियल जांच भी हो रही है।

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