Manit Tooryanaad-23 Bhopal
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MANIT Live Concert: “शिवाय दा बैंड” तूर्यनाद’-23 की रंगारंग प्रस्तुति से झूमा भोपाल

Shivay Da Band Bhopal Live Concert: मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान निदेशक प्रो. करुणेश कुमार शुक्ल ने राजभाषा हिन्दी से जुड़े अपने अनुभव साझा किए।
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हाइलाइट्स

  • तीन दिवसीय हिन्दी महोत्सव तूर्यनाद- 23 का हुआ शुभारंभ।

  • भोपाल MANIT के निदेशक ने राजभाषा हिन्दी से जुड़े अपने अनुभव किए साझा।

  • सृजन प्रतियोगिता इस वर्ष दो माध्यमों से आयोजित होगी।

Bhopal Live Concert: मध्यप्रदेश। भोपाल की तूर्यनाद समिति द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले तीन दिवसीय हिन्दी महोत्सव तूर्यनाद- 23 का शुक्रवार को शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पद्म विभूषित भील कलाकार भूरी बाई एवं विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रो. खेमसिंह डहरिया साथ ही भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल के निदेशक आशुतोष कुमार सिंह भी उपस्थिति रहे।

मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल के निदेशक प्रो. करुणेश कुमार शुक्ल ने राजभाषा हिन्दी से जुड़े अपने अनुभव साझा किए। साथ ही हिन्दी के लिए उठ रहे प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने मानव जीवन को लेकर अपने विचार विद्यार्थियों के समक्ष रखे एवं भारतीय इतिहास के आध्यात्म का महत्व बताया। कार्यक्रम समिति के अध्यक्ष राजेश रंजन ने तूर्यनाद की रुपरेखा, उसकी भूमिका तथा उद्देश्यों से दर्शकों को अवगत कराया।

समिति की मार्गदर्शिका डॉ. सविता दीक्षित ने समिति को हिन्दी के प्रति जागरूकता एवं तूर्यनाद की श्रृंखला का महत्व विद्यार्थियों को समझाया। हिन्दी एवं भारत की परम्परा और अमिट संस्कृति का उदाहरण देकर आगे बढ़ने की प्रेरणा भी दी। भूरी बाई का अभिभाषण हुआ। भूरी बाई, भील जनजाति एवं समाज के समस्त शोषित वर्ग के लिए प्रेरणादयी दीपक हैं। उन्होंने अपनी जड़ों का सम्मान करते हुए अपनी विलुप्त हो रही संस्कृति को जिस प्रकार पुनः जागृत कर जन-जन में आत्मबल की धारा प्रवाह कर सराहनीय योगदान दिया है।

अटल बिहारी बाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. खेमसिंह डहेरिया ने अपने अनमोल वचनों से सभी को भावनामृत किया। भाषाओं से जुड़े अपने अनुभव साझा कर युवाओं को अपनी मातृभूमि से जुड़े रहने एवं विनम्र बनने का आशीर्वाद दिया। पारंपरिक एवं सांस्कृतिक संगीत को आधुनिकता से जोड़ कर कार्यक्रम किया गया। बैंड के गायक दशमीत सिंह और शिवाजी सुर्वे अपने कौशल से सबको प्रभावित किया।

द्वितीय दिवस शनिवार को संसदीय वाद-विवाद विषय पर प्रतियोगिता 11 बजे से आयोजित होगी। सृजन, परिधानिका (फैशन शो) और अभिव्यक्ति (नृत्य एवंगायन)। परिधानिका प्रतियोगिता दोपहर 3 बजे से एलआरसी भवन में आयोजित होगी। इस प्रतियोगिता के साथ ही सृजन प्रदर्शनी लगेगी। सृजन प्रतियोगिता इस वर्ष दो माध्यमों से आयोजित होगी एवं डिजिटल सृजन का तूर्यनाद में इस वर्ष दिखाया जाएगा। प्रसिद्ध नृत्य एवं गायन प्रतियोगिता ऊर्जा के साथ 7 अक्टूबर को समापन होगा।

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