Bhopal : मुल्क में अमन और शांति की दुआ के साथ आलमी तब्लीगी इज्तिमा का समापन

भोपाल, मध्यप्रदेश। आलमी तब्लीगी इज्तिमा मुस्लिम समुदाय के दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, ऐसे में सोमवार को भोपाल में आलमी तब्लीगी इज्तिमा के दुआ ए खास के साथ समापन हो गया है।
Bhopal : आलमी तब्लीगी इज्तिमा का समापन
Bhopal : आलमी तब्लीगी इज्तिमा का समापनShahid Kamil

भोपाल, मध्यप्रदेश। भोपाल में आलमी तब्लीगी इज्तिमा मुस्लिम समुदाय के दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, सोमवार को राजधानी भोपाल में हर साल आयोजित होने वाला मुस्लिम समुदाय का धार्मिक आलमी तब्लीगी इज्तिमा के दुआ ए खास के साथ समापन हो गया। ऐसे में आलमी तब्लीगी इज्तिमा के चौथे दिन इज्तिमा स्थल पर लोगों की तादाद बढ़ गई।

अलग-अलग रूप में रवाना हुआ काफिला :

मिली जानकारी के मुताबिक, आलमी तब्लीगी इज्तिमा के चौथे दिन यानि सोमवार को हजारों लोगों का काफिला निकला है। संख्या में भीड़ का काफिला अलग-अलग रूप में रवाना हुआ है, ऐसे में मौलाना साद ने दुआ में कहा- ऐ अल्लाह, सारी दुनिया को इल्म के नूर से रौशन कर दे। सारी कायनात में अमन, सुकून, भाईचारे की हवाएं चला दे। इस शहर, सूबे, मुल्क को कामयाबी, तरक्की की बुलंदियां बख्श दे।

सैकड़ों जमातों से हजारों का काफिला निकला :

आलमी तब्लीगी इज्तिमा के चौथे दिन सोमवार को दुआ के बाद सैकड़ों जमातों में हजारों जमातियों का काफिला इज्तिमागाह से अलग-अलग रूप में रवाना हुआ। रवाना होने से पहले इज्तिमा स्थल पर मौलाना साद साहब ने जमात में जाने वाले हजरात ने मुसाफा किया। इसके बाद सिलसिलेवार जमातों का जाने का सिलसिला शुरू हुआ।

सैकड़ों स्थानों पर फ्री चाय और पानी :

इज्तिमागाह पर शहर में किसी भी दिशा से जाने वाले लोगों को हर रास्ते पर मुफ्त चाय और नाश्ता मुहैया कराया जा रहा था। लोग वाहनों को रोककर जमातियों को चाय-नाश्ता दे रहे थे। खास यह कि इस नेक काम में मासूम बच्चे भी पीछे नहीं रहे। हर तरफ से इज्तिमा की ओर पहुंचने वाले लोगों के लिए ऐसे टेंट लगे मिले। जिसके बैनर पर फ्री चाय और पानी की इबारत लिखी हुई थी। इज्तिमा स्थल पर हजारों वॉलेंटियर्स ने पूरी मुस्तैदी से मोर्चा संभाले रखा। जमातियों ने भी इंतेजामात की तारीफ की।

नुकसान के साथ खिदमत :

इज्तिमा में शामिल होने आए जमातियों की खिदमत करने में राजधानी के लोगों ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। जमातियों की खिदमत भी लोगों ने अपना नुकसान उठाकर की। आमतौर पर कोई भी व्यापारी कोई कारोबार करता है तो वह प्रॉफिट या मुनाफे के लिए करता है लेकिन इज्तिमा में ऐसे कई अल्लाह के बंदे थे जो सिर्फ खिदमत के लिए यह कारोबार करने यहां पहुंचते हैं। यहां नाश्ते का स्टॉल लगाने वाले मोहम्मद बारी उर्फ बबलू ने बताया कि इस साल भी वह 20 में भरपेट नाश्ता करा रहे हैं। सोमवार को उनके स्टॉल पर 5 हजार से ज्यादा लोगों ने नाश्ता किया। उनको पिछली साल तकरीबन 88000 रुपये का नुकसान हुआ था, इस बार भी उन्होंने कहा है कि यह नुकसान और बढ़ गया, लेकिन अल्लाह की रजा के लिए और बंधुओं की खिदमत के लिए को यह कारोबार हर साल करते हैं। बबलू जैसे सैकड़ों दुकानदार यहां चार दिनों तक खिदमत में जुटे रहे।

मौलाना साद साहब ने दी ये नसीहत

ऐसे में मौलाना साद साहब ने यह भी नसीहत दी है कि, तुम यह सोचते हो कि तुम्हारा कारोबार तुम्हारी वजह से चलता है तो नमाज को दरगुजार करके अपने ग्राहक को पकड़ते है। लेकिन यह तुम्हारी बेहद गलतफहमी है इसको तुम दूर कर दो कारोबार और कारोबार सिर्फ अल्लाह के हुक्म से चलता है अल्लाह ही रोजी देने वाला है और अल्लाह ही रोजी को कम करने वाला।

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