Bhopal : स्कूल, कॉलेज पाठ्यक्रम में भी शामिल हो साइबर सुरक्षा जागरूकता
भोपाल, मध्यप्रदेश। तेजी से बदलती हुई दुनिया में भूमि, समुद्र, वायु और अंतरिक्ष के साथ ही साइबर डोमेन का भी व्यापक एवं महत्वपूर्ण स्थान हो गया है। इसके असीमित उपयोग की संभावना है। नवीन तकनीक के सदुपयोग से जहां आमजन लाभांवित हो रहे हैं, वहीं असामाजिक तत्व इसके दुरुपयोग से विभिन्न अपराधों को भी अंजाम दे रहे हैं। इस तरह की समिट साइबर सुरक्षा और अपराध नियंत्रण का प्रासंगिक और सराहनीय प्रयास है। यह बात शुक्रवार को मप्र पुलिस अकादमी, भौंरी के सभागार में 10 दिवसीय सायबर क्राइम एवं इंटेलिजेंस समिट-2021 के समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कही।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि अर्थव्यवस्था डिजिटल, कैशलेस की ओर अग्रसर है, अत: साइबर सुरक्षा की मजबूती अनिवार्य है। इंटरनेट का कल्याणकारी कार्यों में सदुपयोग हो। सभी राज्यों की सहभागिता तथा अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों का मार्गदर्शन निश्चित ही साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध नियंत्रण में सहायक होगा। राज्यपाल ने स्कूल, कॉलेज पाठ्यक्रम में भी साइबर सुरक्षा जागरूकता को शामिल करने की आवश्यकता बताई।
साइबर अपराध पर नियंत्रण के किए प्रयास : डीजीपी
डीजीपी विवेक जौहरी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड काल में साइबर अपराधों में अत्यधिक बढ़ोत्तरी देखी गई। शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी साइबर अपराध घटित हुए हैं। इस समिट में साइबर अपराध के निराकरण, विवेचना, नियंत्रण के लिए अधिकतम प्रयास किए गए हैं। विशेषज्ञों और सहभागियों ने अपना ज्ञान और तकनीक साझा की। डीजीपी ने कहा कि समिट के प्रतिभागी इस दौरान प्राप्त ज्ञान को अपने सहकर्मी, अधीनस्थों से भी साझा कर प्रशिक्षित करेंगे ताकि इन अपराधों पर त्वरित कार्रवाई संभव हो।
56 से अधिक राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय विषय विशेषज्ञों से मिला मार्गदर्शन :
एडीजी ट्रेनिंग अरुणा मोहन राव ने बताया कि समिट में 56 से अधिक राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय विषय विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है। सभी राज्यों में समन्वय और तकनीकी जानकारी का आदान-प्रदान त्वरित और प्रभावी कार्यवाही में सहयोगी होगा। समापन कार्यक्रम में यूनीसेफ की मारग्रेट ने भी साइबर क्राइम एंड द इमरजिंग टेक्नोलॉजी पर वर्चुअल संबोधन दिया। समिट के समापन अवसर पर एडीजी अनुराधा शंकर, पुलिस अकादमी निदेशक राजेश चावला, एडीजी साइबर सेल योगेश देशमुख, सेवानिवृत्त डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला और क्लीयर ट्रेल संस्था के वाइस प्रेसीडेंट मनोहर कटोच सहित समिट के आयोजन से जुड़ीं संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं अधिकारी मौजूद थे। आभार प्रदर्शन उप निदेशक पुलिस अकादमी डॉ. विनीत कपूर ने किया।
तीन हजार से अधिक पुलिस अधिकारी हुए शामिल :
समिट में मप्र सहित अन्य राज्यों के 3,000 से अधिक पुलिस अधिकारियों ने साइबर क्राइम से निपटने एवं आधुनिक तरीकों से खुफिया जानकारी जुटाने की बारीकियां सीखीं। इस समिट का आयोजन मप्र पुलिस द्वारा सॉफ्ट क्लिक फाउंडेशन, यूनीसेफ व क्लीयर ट्रेल कम्यूनिकेशन एनालिटिक्स के सहयोग से किया गया। समिट में देश एवं दुनिया के विख्यात साइबर क्राइम व इंटेलीजेंस विशेषज्ञों द्वारा साइबर क्राइम रोकथाम के गुर सिखाए गए। साथ ही ऑनलाइन गेमिंग और गेम्बलिंग, किप्टोकरेंसी और क्रिप्टो-ट्रेड अपराधों जैसे महत्वपूर्ण विषयों के साथ वित्तीय धोखाधडी, एंक्रिप्टेड व्हीओआईपी संचार पर अपराध को हल करने, ड्रोन तकनीक इंटरनेट ऑफ थिंग्स , आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस , मशीन लर्निंग और अन्य विषयों पर मंथन हुआ। यह समिट महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ होने वाले साइबर अपराध रोकने एवं पुलिस अधिकारियों की कार्य क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से भी आयोजित की गई थी।
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