Bhopal : 40 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चली गस्टी विंड, छाए राहत के बादल

भोपाल, मध्यप्रदेश : राजधानी के कोलार, होशंगाबाद रोड, अवधपुरी सहित कई इलाकों में देर शाम को गरज-चमक और तेज हवाओं के साथ हल्की बूंदाबांदी हुई।
40 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चली गस्टी विंड, छाए राहत के बादल
40 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चली गस्टी विंड, छाए राहत के बादलसांकेतिक चित्र

भोपाल, मध्यप्रदेश। सोमवार को मौसम का मिजाज बदलने से शाम को हवा में ठंडक महसूस हुई। राजधानी के कोलार, होशंगाबाद रोड, अवधपुरी सहित कई इलाकों में देर शाम को गरज-चमक और तेज हवाओं के साथ हलकी बूंदाबांदी हुई। इस दौरान 40 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से गस्टी विंड चली। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अरब सागर से मिल रही नमी के कारण मौसम का मिजाज बदल गया है। अगले तीन दिन मौसम का मिजाज इसी तरह बना रहेगा। इस दौरान गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। उसके बाद पारा एक बार फिर दो से तीन डिग्री बढ़ने के आसार हैं।

मौसम विज्ञानी पी.के साहा ने बताया कि वर्तमान में दो ट्रफ लाइन बनी हुई हैं। दोनों ही अरब सागर से नमी लेकर आ रही हैं। एक ट्रफ लाइन उत्तरी-दक्षिणी बनी हुई है जो अरब सागर तक जा रही है। इसके प्रभाव से उत्तर-पश्चिमी राजस्थान में हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है, वहीं से लेकर एक पूर्वी-पश्चिमी ट्रफ लाइन भी बनी हुई है। दोनों ही ट्रफ लाइन राजस्थान में बने सिस्टम से जुड़ी हुई हैं, इसलिए अरब सागर से नमी आ रही है। इसी वजह से मौसम में बदलाव हुआ है। राजधानी सहित पश्चिम मध्य प्रदेश में मौजूदा सिस्टम का प्रभाव दिखेगा।

क्या होती है गस्टी विंड :

साहा ने बताया कि धूल भरी तेज हवाओं को गस्टी विंड कहा जाता है। गस्टी विंड चलने पर हवा की रफ्तार 30-40 किमी प्रतिघंटे तक पहुंच जाती है। इस मौसम में गस्टी विंड के साथ बारिश होती है।

लगातार पारा हाई रहने की वजह से गर्मी ने बहुत सताया :

साहा ने बताया कि इस साल मार्च अंत से पारा लगातार बढ़ा हुआ था। इसलिए तपिश अधिक रही। बीते दिनों बनने सिस्टम भी कम सक्रिय रहे, जिनका असर राजधानी सहित प्रदेश के मौसम पर नहीं हुआ।इसलिए गर्मी के तीखे तेवर लोगों की परेशानी का सबब बने हुए थे। अब प्री मानसून गतिविधियां शुरू होने से मौसम के मिजाज में बदलाव आ गया है और गर्मी से राहत मिल गई है।

सामान्य से अधिक वर्षा के आसार :

साथ ही राहत की बात यह भी है कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान अनुसार राजधानी भोपाल सहित पश्चिम मध्यप्रदेश में सामान्य से अधिक वर्षा होने के आसार हैं। वहीं पूर्वी मप्र में सामान्य या उससे कुछ कम वर्षा हो सकती है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक मानसून अण्डामान में प्रवेश कर चुका है। वहीं केरल में मानसून ऑनसेट डेट 1 जून से पहले भी आ सकता है। मौजूदा स्थिती को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि केरल में मानसून 27 मई से 1 जून तक प्रवेश करेगा, जिससे तटीय क्षेत्रों में बारिश की शुरुआत हो सकती है। वहां से होते हुए मध्य भारत यानी मध्य प्रदेश में मानसून जून के दूसरे सप्ताह में दस्तक देगा। वर्तमान में मानसूनी गतिविधियां बढ़ने से राजधानी सहित प्रदेश में भी बीच-बीच में राहत के बादल छाएंगे।

नहीं तपेंगे नौतपे :

प्री मानसून गतिविधियां शुरू होने से गर्मी के तेवर नरम हो गए हैं। धूप में तीव्रता कम रहने से तपिश भी कम हो गई। साथ ही हवा चलने से गर्मी के मौसम का कम अहसास भी हो गयाा है। राहत की बात यह भी है कि बुधवार से नौतपा शुरू हो रहे हैं और ऐसा माना जाता है कि नौतपाों के नौ दिन गर्मी चरम पर होती है, लेकिन इस बार नौतपों के शुरूआती दिन गर्मी का अहसास कम होगा। मौसम विज्ञानी नौतपे जैसे किसी टर्म को नहीं मानते हैं। उनका कहना है कि यह सारी प्रक्रिया प्राकृतिक हैं। मई में गर्मी के तेवर हाई रहते हैं और गर्मी बढऩे से लोकल सिस्टम भी बनते हैं। वहीं मई में प्री मानसून गतिविधियां भी होती हैं, जिसकी वजह से मौसम बदलता है।

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