NCPCR ने लिखा MP बोर्ड को लिखा पत्र
NCPCR ने लिखा MP बोर्ड को लिखा पत्रPriyanka Yadav - RE

विवादों में घिरी कमलनाथ सरकार, NCPCR ने MP बोर्ड को लिखा पत्र

भोपाल, मध्यप्रदेश: प्रदेश में राजनैतिक मुद्दे और सियासी बवाल जहां थमने का नाम नहीं ले रहे वहीं परीक्षाओं के प्रश्नपत्र को लेकर नया ही बवाल शुरू हो गया है।

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश में जहां एक ओर सियासी उठापटक की खबरों को थोड़ा विराम लगा वहीं एक नया ही मामला राजधानी भोपाल से बीते दिन सामने आया था जहां 10वीं की बोर्ड परीक्षा में पूछे गए एक सवाल के बाद विवाद खड़ा हो गया है। इस मामले में 10 वीं के सामाजिक विज्ञान के पेपर में ‘आजाद कश्मीर’ को लेकर 2 सवाल पूछे गए हैं। जिस पर सोशल मीडिया पर बवाल मच गया वहीं इसे लेकर राजनैतिक दल सरकार पर सवाल खड़े कर रहे हैं। इस बीच मामले में इसकी सूचना राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) को दी गई, जहां से आयोग ने मध्यप्रदेश बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन को पत्र लिखा है साथ ही कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

दसवी बोर्ड परीक्षा में पूछा गया सवाल बना विवादित

इस संबंध में मध्य प्रदेश में दसवीं बोर्ड के सामाजिक विज्ञान के पेपर में प्रश्न-4 में छात्रों को सही जोड़ी मिलानी थी। प्रश्न में ‘बहादुर शाह जफर’ के आगे ‘सूरत’, ‘कांग्रेस का विभाजन’ के आगे ‘उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम’, ‘भारत-पाकिस्तान युद्ध’ के आगे ‘स्वर्ण आभूषण’, ‘कोपरा’ के आगे ‘दिल्ली’ और ‘हॉलमार्क’ के आगे ‘आजाद कश्मीर’ का विकल्प दिया हुआ था। इसी पेपर में प्रश्न 26 में भारत के मानचित्र में ‘आजाद कश्मीर’ दर्शाने को लेकर सवाल किया गया था। इस मामले को लेकर प्रदेश में पुतला भी फूंका गया है। मामले के खबर लगते ही मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर आयुक्त लोक शिक्षण जयश्री कियावत ने इस गंभीर लापरवाही के लिये व्याख्याता नितिन सिंह और रजनीश जैन को निलंबित कर दिया है। बता दें कि, व्याख्याता नितिन सिंह शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, रायसेन इस प्रश्न-पत्र के पेपरसेटर और रजनीश जैन शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तेंदूखेड़ा नरसिंहपुर मॉडरेटर थे। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा इन दोनों प्रश्नों को निरस्त कर दिया गया है तथा प्रश्न-पत्र का मूल्यांकन 90 अंकों से किया जायेगा। इस संबंध में मूल्यांकन अधिकारियों को पृथक से निर्देश जारी किये जा रहे हैं।

बीजेपी ने उठाए सवाल

इस मामले को राजनैतिक पहलुओं से जोड़ते हुए बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा। जिसमें बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल पर बयान देते हुए कहा कि, "ये वही भाषा है, जो लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन जी बोलते हैं, जिसे पाकिस्तान और अलगाववादी बोलते हैं, कुछ कांग्रेसी और वामपंथी बोलते हैं, ये कोई चूक नहीं सोची समझी नीति है, इस पर सिर्फ कमलनाथ जी नहीं बल्कि सोनिया जी को भी जवाब देना चाहिए।"

बाल संरक्षण आयोग ने लिखा एमपी बोर्ड को पत्र

इस मामले में जहां सोशल मीडिया पर बवाल मचा वहीं इसकी सूचना राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) को दी गई। जिस पर कार्रवाई करते हुए आयोग ने मध्य प्रदेश बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन को पत्र लिखा है। जिसमें इस मामले को आपराधिक अपराध बताते हुए कहा कि, "प्रथम दृष्टया यह एक आपराधिक अपराध प्रतीत होता है"। क्योंकि इसमें कक्षा 10 के प्रश्नपत्र में 'पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर' को 'आज़ाद कश्मीर' कहा जाता है। साथ ही कहा गया कि, इस पाकिस्तान लिंगो का प्रयोग उस देश के लिए कांग्रेस के प्रेम का प्रतीक है। इस शब्द को प्रयोग करने के पीछे का आशय राज्य की शिक्षा में सड़ांध और प्रश्न पत्रों के प्रूफ रीडिंग की कमी को भी दर्शाता है। इसमें विशेषज्ञों का कहना है कि, इस तरह के मामलों से बच्चों के दिमाग पर असर पड़ता हैं।

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