भोपाल, मध्यप्रदेश। वैश्विक कोरोना संकट में एक ओर जहां प्रदेश में विकास की गति को मजबूती प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ नई और बड़ी खबरें सामने आती जा रही हैं, इस बीच ही अपने अलहदा लहजे से शायरी पेश करने वाले शायर एवं पद्मश्री सम्मानित बशीर बद्र को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री मिली है। जो करीब 46 साल बाद मिली है। डिग्री मिलने पर वे किसी मासूम की तरह चहक उठे और डिग्री को सीने से लगा लिया।
काफी मशक्कत के बाद मिली डिग्री
इस संबंध में बताते चलें कि, वर्ष 1973 में उन्होंने आजादी के बाद की गजल का तनकीदी मुताला शीर्षक से अपनी थीसिस एएमयू में समिट की थी। जिसके बाद पीएचडी की यह डिग्री उनकी पत्नी के प्रयासों से एएमयू ने डाक से भेजी है। जिसमें काफी मशक्कत के बाद आखिर डिग्री मिल गई। बताते चलें कि, बशीर बद्र की सेहत इन दिनों काफी नासाज है। वे अपनी स्मरण शक्ति खो चुके हैं।
1969 में बशीर बद्र ने एएमयू से ली थी स्नातकोत्तर की उपाधि
इस संबंध में आपको बताते चलें कि, वर्ष 1969 में बशीर बद्र ने एएमयू से स्नातकोत्तर की उपाधि भी ली थी। जहां शायर बशीर बद्र ने मेरठ कॉलेज के उर्दू विभाग में 12 अगस्त 1974 को बतौर लेक्चरर ज्वाइन कर लिया था। बताते चलें कि वे यहां वर्ष 1990 तक रहे। वर्ष 1974-1990 का दौर बशीर बद्र के लिए काफी अहम रहा। तब वे शायरी के बुलंदी को छू रहे थे।
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