3 दिन बाद से पॉलीथीन बैन : निगम के पास बिक्री रोकने का प्लान नहीं
3 दिन बाद से पॉलीथीन बैन : निगम के पास बिक्री रोकने का प्लान नहींSocial Media

Bhopal : 3 दिन बाद से पॉलीथीन बैन, पर निगम के पास प्लान नहीं कैसे रोकना है बिक्री?

भोपाल, मध्यप्रदेश। तीन दिन बाद, यानि एक जुलाई से राजधानी में 19 तरह के सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह बैन लग जाएगा। लेकिन नगर निगम अब तक इसका प्लान ही तैयार नहीं कर सका।

भोपाल, मध्यप्रदेश। तीन दिन बाद, यानि एक जुलाई से राजधानी में 19 तरह के सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह बैन लग जाएगा। बाजारों में अगर कहीं इसकी बिक्री होती पाई गई तो जब्ती के साथ कार्रवाई भी होगी। लेकिन नगर निगम अब तक इसका प्लान ही तैयार नहीं कर सका। इधर बाजारों में व्यापारियों को नए नियमों की जानकारी जरूर है, लेकिन इसके बाद भी खुलेआम बिक्री के साथ गोडाउनों में पालीथीन का स्टॉक किया जा रहा है। इधर निगम के जोन में पदस्थ प्रभारी एएचओ को अपने-अपने इलाकों की खबर है, लेकिन प्रभारी एएचओ निगम के आदेश का इंतजार कर रहे हैं।

गौरतलब, है कि 19 प्रकार के सिंगल यूज प्लास्टिक प्रोडक्ट एक जुलाई से पूरी बैन होने जा रहे हैं। इसमें प्लास्टिक की डंडियों वाले ईयर बड, बलून स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, लॉलीपॉप की डंडी, आईस्क्रीम की डंडी, थर्माकोल के सजावटी सामान, प्लेट्स, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे, मिठाई के डिब्बे पर लगने वाली पन्नी, निमंत्रण पत्र, सिगरेट के पैकेट, 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक और पीवीसी बैनर आदि शामिल हैं। दो महीने पहले इसका पूरा खाका तैयार किया गया कि कौन-कौन से विभाग इस मुहिम में शामिल होंगे। लेकिन नियम लागू होने का समय करीब आते ही विभाग चुनाव का हवाला देकर सुस्त हो गए।

निगम को निभाना है जिम्मेदारी, विभाग को आदेश का इंतजार :

प्रतिबंधित पॉलीथीन की बिक्री, भंडारण आदि पर नजर रखने और कार्रवाई करने की जिम्मेदारी नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग को निभाना है। लेकिन अब तक स्वास्थ्य विभाग के पास कोई आदेश ही पहुंचा कि कार्रवाई करना है या नहीं? उल्लेखनीय है कि पूरे शहर में 19 जोन हैं और हर जोन के प्रभारी एएचओ की निगरानी में ही यह अभियान चलाया जाना है। वर्तमान में निगम ने 19 जोन में अतिक्रमण के सिपाही, सफाई कामगार और थर्ड क्लास के कर्मचारियों को प्रभारी बना रखा है।

1 जुलाई से पूरी तरह चलन से बाहर होगी प्लास्टिक :

राजधानी में उपयोग होने वाला ज्यादातर सिंगल यूज प्लास्टिक वेस्ट इन्फॉर्मल सेक्टर (रीसाइकलिंग प्लांट की जगह अन्य जगहों पर पहुंचने वाला कचरा) में जा रहा है। कई प्लास्टिक ऐसे हैं, जिन्हें कोई लेने को तैयार नहीं है। इनमें खाने के सामानों के पैकेट, नूडल्स के पैकेट, बिस्किट और चिप्स के मल्टी लेयर पैकेट आदि शामिल हैं। इनका दोबारा इस्तेमाल करना व्यवारिक नहीं है। इसलिए यह लैंडफिल साइटों पर ही भेजा जा रहा है।

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