शिवराज ने वन्य-प्राणी सप्ताह पर दी शुभकामनाएं
शिवराज ने वन्य-प्राणी सप्ताह पर दी शुभकामनाएंSyed Dabeer Hussain - RE

Bhopal : शिवराज ने वन्य-प्राणी सप्ताह पर दी शुभकामनाएं

भोपाल, मध्यप्रदेश : शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रकृति, पंचतत्वों का आभामण्डल है। पेड़, पौधे, नदियाँ, झरने, जीव, जन्तु, पशु, पक्षी और हम सभी इसके अभिन्न और परस्पर अंतर्निर्भर अंग हैं।

भोपाल, मध्यप्रदेश। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेशवासियों को 1 से 7 अक्टूबर तक मनाए जा रहे वन्य-प्राणी सप्ताह पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ दी हैं।

आधिकारिक जानकारी में श्री चौहान ने कहा है कि प्रकृति, पंचतत्वों का आभामण्डल है। पेड़, पौधे, नदियाँ, झरने, जीव, जन्तु, पशु, पक्षी और हम सभी इसके अभिन्न और परस्पर अंतर्निर्भर अंग हैं। प्रकृति और पर्यावरण के बिना परिवेश और जीवन की कल्पना करना भी संभव नहीं है। वन और वन्य-प्राणी प्रकृति के आभूषण हैं। इनका संरक्षण और संवर्धन सरकार और समाज दोनों का प्राथमिक दायित्व है। प्रतिवर्ष 1 से 7 अक्टूबर तक आयोजित होने वाला वन्य-प्राणी सप्ताह, पारिस्थितिकी के प्रति हमारी इसी प्रतिबद्धता का परिचायक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश, देश का हृदय प्रदेश है और वन तथा वन्य-प्राणी धरोहर की सम्पदा के रूप में प्रकृति ने हम पर भरपूर आर्शीवाद और कृपा बरसाई है। प्रदेश के एक तिहाई से भी अधिक क्षेत्र पर वन हैं और हमारी जैव-विविधता देश और दुनिया को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करती है। सरकार के सतत प्रयास और समाज के सकारात्मक सहयोग के परिणामस्वरूप मध्यप्रदेश में न केवल वन क्षेत्र में वृद्धि हुई है, बल्कि वन्य प्राणियों का संवर्धन भी संभव हुआ है। अब तक मध्यप्रदेश को टाईगर स्टेट के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब प्रदेश ने लेपर्ड स्टेट के रूप में भी अपनी पहचान बना ली है। बाघ और तेंदुआ के साथ गिद्ध एवं घडिय़ालों की संख्या की दृष्टि से भी मध्यप्रदेश, सम्पूर्ण देश में अव्वल है।

श्री चौहान ने कहा कि वन्य जीव हमारे पारिस्थितिकी तंत्र के महत्वपूर्ण कारक हैं उनके सह-अस्तित्व के बिना पारिस्थितिक संतुलन बना रहना संभव नहीं हो पाएगा। अनावश्यक मानवीय हस्तक्षेप के कारण पारिस्थितिक तंत्र पर जो विपरीत प्रभाव पड़ा है, वह हमारे लिए गंभीर चुनौती भी है और कोरोना जैसी महामारी एक बड़ा सबक भी। अब समय आ गया है कि हम सब मिलकर प्रकृति के इन अनमोल उपहारों के संरक्षण को अपना परम कत्र्तव्य मानकर वन्य जीव एवं उनके संरक्षण, विशेषकर संकटग्रस्त प्रजातियों की रक्षा में अपना सक्रिय सहयोग प्रदान करें ताकि जैव विविधता की समृद्ध विरासत को भावी पीढ़ियों को सौंपा जा सके। उन्होंने ने वन्य-प्राणी सप्ताह के पावन पर्व पर जनता से प्रदेश की जैव-विविधता के संरक्षण और संवर्धन में कोई कसर नहीं छोड़ने की शपथ लेने का आव्हान किया है।

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