कुपोषण मुक्त प्रदेश की कवायद में स्वास्थ्य व महिला बाल विकास विभाग
राज एक्सप्रेस। कुपोषण से जंग के लिए चलेगा विशेष अभियान! महिला एवं बाल विकास विभाग, अतिकुपोषित बच्चों को समुदाय के सहयोग से कुपोषण मुक्त करने अभियान चलाएगा। अतिकुपोषित बच्चों को स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से उचित जांच एवं दवाओं की सुविधा भी दी जाएगी। आंगनबाड़ी कार्यकताओं द्वारा इन बच्चों की पांच दिवसीय केन्द्र आधारित देखभाल की जाएगी।
अभियान के तहत अतिकुपोषित बच्चों का 12 सप्ताह तक समुदाय स्तर पर प्रबंधन किया जाएगा। इन्हें अगले 3 माह तक गृह भेंट कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा फॉलोअप लिया जाएगा। हर सप्ताह आंगनबाड़ी केन्द्र में उपलब्ध अतिरिक्त पोषण आहार का उपयोग करके इन बच्चों को दो बार अतिरिक्त आहार दिया जाएगा। उन्हें यह भोजन उनकी माता के सहयोग से खिलाया जाएगा। अतिकुपोषित बच्चों के पोषण में सुधार की जानकारी बाल पोषण प्रगति पोषण पत्रक में दर्ज की जाएगी।
बच्चों का कुपोषण समाज के लिए कलंक
आपको बताते चलें कि कुछ दिनों पहले ही कुपोषण का शत-प्रतिशत निराकरण करने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारी रणनीति बनायें तथा उन पर अमल करते हुए बच्चों को कुपोषण से बाहर लाने की बात की थी। कलेक्टर ने यह बात ग्राम पंचायत कछरवार में 'आपकी सरकार आपके द्वार' कार्यक्रम के तहत आयोजित चौपाल के दौरान महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए थे । ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि गांव के पांच बच्चे कुपोषण की श्रेणी में हैं जिन्हें पूर्व में एनआरसी में भर्ती भी कराया गया था। अब वे पुनःकुपोषण की श्रेणी में चले गये, जिस पर कलेक्टर श्री स्वरोचिष सोमवंशी चल पड़े कुपोषित बच्चों का हाल जानने।
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