Bhopal : राज्य सरकार ने प्राइवेट स्कूलों को किया फीस वसूलने के लिए स्वतंत्र

भोपाल, मध्यप्रदेश : प्रदेश में पहली से 12वीं तक सभी शिक्षण संस्थाओं में शत-प्रतिशत कक्षाएं लगाने जा रही राज्य सरकार ने अब प्राइवेट स्कूलों को भी फीस के लिए स्वतंत्र कर दिया है।
राज्य सरकार ने प्राइवेट स्कूलों को किया फीस वसूलने के लिए स्वतंत्र
राज्य सरकार ने प्राइवेट स्कूलों को किया फीस वसूलने के लिए स्वतंत्रसांकेतिक चित्र

भोपाल, मध्यप्रदेश। प्रदेश में पहली से 12वीं तक सभी शिक्षण संस्थाओं में शत-प्रतिशत कक्षाएं लगाने जा रही राज्य सरकार ने अब प्राइवेट स्कूलों को भी फीस के लिए स्वतंत्र कर दिया है। सोमवार को स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए आदेश जारी किया गया है, पर स्कूल संचालकों का कहना है कि इसमें विस्तार से स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।

स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव केके द्विवेदी द्वारा जो आदेश जारी किया गया है, उसके अनुसार अब शिक्षण सत्र 2021-22 में गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों द्वारा प्रभावित फीस के संबंध में विभागीय सम संख्यक आदेश आठ जुलाई को जारी किया गया था। इसमें आवश्यक निर्देश दिए गए थे। उक्त निर्देश कोविड-19 संक्रमण की द्वितीय लहर एवं इसके कारण जनित परिस्थितियों के दृष्टिगत जारी किए गए थे। वर्तमान में कोविड-19 संक्रमण के प्रभावी नियंत्रण एवं विद्यालयों की भौतिक संचालन के दृष्टिगत तथा सुप्रीम कोर्ट द्वारा समान प्रकरण इंडियन स्कूल जोधपुर विरुद्ध राजस्थान राज्य में तीन मई को पारित किया गया था। इस निर्देश के अनुक्रम में राज्य शासन द्वारा विभागीय परिपत्र 8 जुलाई 2021 को जारी आदेश तत्काल प्रभाव से शून्य किया गया है। इधर स्कूल संचालकों का कहना है कि स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव द्वारा जो आदेश जारी किया गया है उसमें विस्तृत स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। प्राइवेट विद्यालय संचालकों के अनुसार 8 जुलाई 2021 को मप्र के निजी स्कूलों को सत्र 21-22 में भी केवल शिक्षण शुल्क ही लेने का विवादित आदेश विभाग द्वारा जारी किया था। जिसके खिलाफ एसोसिएशन ऑफ अन एडेड प्राइवेट स्कूल द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। उस वक्त स्कूल संचालकों का भी साफ कहना था कि यह विवादित आदेश है। संचालकों का कहना है कि कोर्ट का निर्णय होने के बाद सरकार ने यह आदेश जारी किया है। अब सत्र 21-22 में लिए जाने वाले शुल्क को लेकर सभी भ्रम समाप्त हो गए हैं। निजी विद्यालय सत्र 21-22 हेतु पूर्व अनुसूचित शुल्क लेने हेतु स्वतंत्र हैं। यह आदेश जारी होने के बाद सीबीएसई निजी स्कूलों के सहोदय ग्रुप की प्रतिक्रिया भी आई है। ग्रुप के वाइस प्रसिडेंट पीके पाठक का कहना है कि हमने शासन और न्यायालय के हर आदेश का पालन किया है। आगे जो भी आदेश होंगे उनको भी पूरी तरह से मान्य किया जाएगा।

राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश
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