भोपाल दौरे पर आईं अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य सैयदा शहजादी ने इन मुद्दों पर की चर्चा
भोपाल, मध्य प्रदेश। चार दिन के भोपाल दौरे पर आईं राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य सैयदा शहजादी (Syeda Shahzadi) ने केंद्र सरकार की योजनाओं और वहां से प्रदेश के लिए जारी होने वाली राशि का जमकर बखान किया। इस उत्साह में उन्होंने माइनोरिटीज को दी जाने वाली सुविधाओं में गांधी मेडिकल कॉलेज को दी गई राशि का जिक्र भी कर डाला। यात्रा के दौरान खरगोन दंगे के पीड़ितों से मिलने जाने की बात को वे ये कहकर टाल गईं कि इसकी रिपोर्ट उन्होंने बुलाई है।
राष्ट्रीय अल्पसंखयक आयोग की सदस्य सैयदा शहजादी ने प्रदेश की माइनोरिटीज़ को दी जाने वाली स्कॉलरशिप से लेकर प्रधानमंत्री आवास योजना में किए गए खर्च तक का ब्यौरा मीडिया के सामने रखा। उन्होंने कहा कि, अल्पसंख्यकों में खासकर मुस्लिम महिलाओं की शिक्षा और रोजगार पर खास योजनाएं बनाई जा रही हैं।
जागरूकता के लिए बनें सोशल कमेटी, धर्मस्थलों से हो प्रचार आयोग सदस्य ने कहा कि, अल्पसंख्यकों के लिए केंद्र से आने वाली योजनाओं की जानकारी संबंधित लोगों तक नहीं पहुंच पाती हैं। जागरूकता की इस कमी को दूर करने के लिए सभी जिलों में सर्वधर्म जागरूकता कमेटी बनाने के लिए कहा गया है। इन कमेटियों की जिम्मेदारी होगी कि वे धर्मस्थलों के जरिए इन योजनाओं का प्रचार प्रसार करें, जिससे सभी योग्य लोग योजनाओं का फायदा उठा सकें और योजना बनाने के सार्थक परिणाम हासिल हो सकें।
आयोग में शामिल हों सभी माइनोरिटीज:
राज्य अल्पसंखयक आयोग के शीघ्र गठन की बात करते हुए शहजादी ने कहा कि कोशिश की जाएगी कि इस टीम में मुस्लिमों के अलावा बाकी अल्पसंख्यकों की भागीदारी भी हो। उन्होंने कहा कि सिख और ईसाई समुदाय के अलावा जैन, बौद्ध, पारसी और अन्य अल्पसंख्यकों को भी नई कमेटी में शामिल किए जाने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अन्य मुस्लिम वक्फ बोर्ड, मदरसा बोर्ड, हज कमेटी, मसाजिद कमेटी आदि में भी जल्दी नियुक्तियां किए जाने की सिफारिश वे केंद्र और राज्य सरकार को करेंगी।
इन मामलों पर छाई खामोशी:
तीन तलाक, हिजाब, लाउड स्पीकर और खरगोन दंगे को लेकर आयोग सदस्य जवाब नहीं दे पाई। उन्होंने कहा कि, नया कानून बनने के बाद मध्यप्रदेश में क्या स्थिति बनी है, इसकी जानकारी उन्होंने मांगी है। जबकि हिजाब को लेकर उन्होंने कहा कि ये किसी संस्था विशेष का मामला है, इसलिए इसमें कुछ कहने की गुंजाइश नहीं है। लाउड स्पीकर मामले को उन्होंने राजनैतिक बताते हुए इसपर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। खरगोन दंगे के पीड़ितों से मिलने की बात वे यह कहकर टाल गईं कि, उन्होंने इस मामले की रिपोर्ट तलब की है।
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