थिंक गैस स्टेशन
थिंक गैस स्टेशनसांकेतिक चित्र

Bhopal : पेट्रोल-डीजल की खपत कम करने ननि के वाहनों को गैस का सहारा

भोपाल, मध्यप्रदेश : हर महीने 62 लाख की बचत, 5 लाख अतिरिक्त कमाई भी शुरू। शुरूआत 75 वाहनों से, डीजल वाहनों में भी सीएनजी किट लगाने की तैयारी।

भोपाल, मध्यप्रदेश। नगर निगम आय के नए स्त्रोत तो नहीं तलाश सका, लेकिन बचत करना सीख गया है।सबसे अधिक खर्च निगम के वाहनों में डीजल-पेट्रोल पर होता है।लेकिन बीते 6 महीनों में सीएनजी को बढ़ावा दिया तो बचत के साथ आमदनी भी होने लगी।पिछले महीने ही 5 लाख रूपए निगम को थिंक गैस की बिक्री से कमिशन के रूप में मिली।अभी यह आय सिर्फ 3 पंप से हो रही है।अगले तीन महीने में दो नए पंप शुरू होने के बाद आमदनी में ओर इजाफा हो जाएगा। जबकि पूरे भोपाल के लिए 10 पंप स्वीकृत है।

दरअसल सीएनजी गैस को बढ़ावा देने का खाका एक साल पहले तैयार किया गया था। नगर निगम ने थिंक गैस कंपनी से करार किया और पंप संचालन की जगह उपलब्ध करवाई। पहले चरण में 3 पंप शुरू हुए। जिससे निगम को कमिशन के रूप में 5 लाख रूपए महीना मिलने लगा। वहीं करार के मुताबिक निगम के वाहनों के लिए यही गैस 7 प्रतिशत कम दर पर मिल रही है। अभी निगम के 75 वाहनों में गैस का उपयोग किया जा रहा है। लगातार हो रही बचत को देखते हुए निगम अब सीएनजी वाले वाहनों को बढ़ावा देने जा रहा है। इसके लिए पेट्रोल वाले सभी वाहनों में सीएनजी किट लगाई गई है। साथ ही डीजल वाहनों में भी सीएनजी किट के उपयोग का ट्रायल चल रहा है। इसके सफल होते ही निगम के सभी वाहन सीएनजी युक्त हो जाएंगे।

अभी 3 पंप से शुरूआत :

राजधानी भोपाल के आरिफ नगर ट्रांसफर स्टेशन सहित सावरकर सेतु ब्रिज के नीचे और लिंक रोड नंबर 3 स्थित नगर निगम के पंप हाऊस के सामने थिंक गैस के पंप संचालित हो रहे है। पंप के लिए नगर निगम ने जगह उपलब्ध करवाई है। जबकि बाबा नगर और बैरागढ़ ट्रांसफर स्टेशन के पास जल्द ही नए पंप शुरू होने वाले हैं। इसके अलावा 5 ओर पंप लगना है। इसके लिए जगह की तलाश हो रही है।

3 प्रतिशत कमिशन और 7 प्रतिशत कम रेट पर मिल रही गैस :

करार के मुताबिक पंप लगाने का खर्च थिंक गैस कंपनी ने ही वहन किया है। लेकिन कंपनी को गैस की बिक्री पर नगर निगम को 3 प्रतिशत कमिशन देना होगा। वहीं निगम अगर गैस खरीदेगा तो 7 प्रतिशत कम रेट पर दी जाएगी। इसका करार एक साल पहले हो चुका है। वर्तमान में निगम को 3 पंपों की आय से 5 लाख रूपए महीना कमिशन मिल रहा है।

अभी 75 वाहनों से शुरूआत हुई :

नगर निगम के बेड़े में करीब 2 हजार से अधिक वाहन है। इसमें पेट्रोल वाले 75 वाहनों को सीएनजी में कंवर्ट किया है। निगम के सभी 21 जोनल अधिकारियों की मारूति अल्टो कार अब सीएनजी गैस से चल रही है। इससे ही निगम को करीब 3 से 4 लाख रूपए महीने की बचत होने लगी।

एक आदेश से डीजल खर्च में भी शुरू हुई बचत :

सालों से निगम के वाहनों में डीजल के लिए कोई भी कर्मचारी इंडेन काट देता था। लेकिन करीब 6 महीने पहले निगम कमिश्नर केवीएस चौधरी ने एक आदेश निकालकर इंडेन काटने का अधिकार संबंधित विभाग के अधिकारियों को दे दिया गया है। साथ ही इंडेन में संख्या के साथ शब्दों में लीटर लिखने को कहा। इसका असर यह हुआ कि हर महीने करीब 62 लाख रूपए की बचत होने लगी। इसके सुझाव कमिश्नर को ट्रांसपोर्ट प्रभारी चंचलेश गिरहरे ने दिए थे। श्री गिरहरे ने बताया कि अभी डीजल वाहनों में सीएनजी कीट का ट्रायल चल रहा है। प्रयोग सफल होते ही सभी वाहन सीएनजी से संचालित होंगे।

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