राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश की राजनीति में सियासी बवाल की विधानसभा सत्र के साथ थमने की उम्मीद जताई जा रही थी लेकिन हाल ही में विधानसभा सत्र आगामी तारीख तक स्थगित हो जाने और फ्लोर टेस्ट पर कोई स्थिति साफ ना होने के चलते भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटकटाया है। कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए 26 मार्च तक विधानसभा सत्र की कार्रवाई रोक दी गई है। वहीं राज्यसभा चुनाव होने में 10 दिन बाकी हैं।
48 घंटे के भीतर फ्लोर टेस्ट कराने की मांग
इस संबंध में फ्लोर टेस्ट पर कोई स्थिति साफ ना होने पर भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है जिसमें 48 घंटे के अंदर फ्लोर टेस्ट कराने की मांग उठाई है। जहां कोर्ट द्वारा कार्रवाई कर यदि स्पीकर को फ्लोर टेस्ट कराने के निर्देश दिए जा सकते हैं। वहीं स्थगित हुए विधानसभा सत्र से पहले भी फ्लोर टेस्ट हो सकता है। इसे लेकर सामने आ रहा है कि अगले 10 दिन के अंदर बागी विधायकों को अयोग्य करार देने पर मामला हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में दाखिल रहेगा। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज के वकील सौरभ मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाते हुए जल्द फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है। जिस पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिका मंजूर करते हुए मंगलवार को सुनवाई की जाएगी।
राष्ट्रपति शासन की मांग की जा सकती
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भाजपा विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे जहां राज्यपाल से मुलाकात कर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की मांग कर सकते हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे जहां उन्होंने कहा कि, वे राज्यपाल से सौजन्य भेंट करने आए हैं।
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