डबरा : आयटम को लेकर जहां हुआ विवाद वहीं भाजपा हारी, सुरेश जीते

डबरा, मध्य प्रदेश : सिंधिया की नजदीकी इमरती को इस बार हार का करना पड़ा सामना। सुबह किए थे अचलेश्वर के दर्शन पर भोलेबाबा ने नहीं दिया आशीर्वाद।
आयटम को लेकर जहां हुआ विवाद वही भाजपा हारी, सुरेश जीते
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डबरा, मध्य प्रदेश। उप चुनाव को लेकर डबरा सीट खासी चर्चित रही थी, क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने डबरा की सभा में आयटम शब्द बोलकर भाजपा को हमला करने का मौका दे दिया था। इस आयटम शब्द का भाजपा ने पूरे प्रदेश में मुद्दा बनाया और हर सभा में उठाया जिसका भाजपा को फायदा भी मिला पर जहां से यह मुद्दा उठा था वहीं इमरती को हार का सामना करना पड़ा। इमरती 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर 58 हजार से अधिक वोटों से जीती थी इसलिए इस बार भी वह अपनी जीत पक्की मान रही थी, लेकिन जनता ने कांग्रेस के राजे को ही चुना।

कांग्रेस ने डबरा एवं करैरा विधानसभा के लिए पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव को प्रभारी बनाया था और उनके साथ अशोक सिंह एवं रामसेवक सिंह बाबूजी ने भी सहयोगी थे। प्रभारी के तौर पर लाखन सिंह यादव ने इस सीट को अपनी प्रतिष्ठा की लड़ाई मान लिया था और ग्रामीण कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक सिंह डबरा क्षेत्र में ही रहे और उन्होंने जिस तरह की रणनीति बनाई उसके चलते कांग्रेस के सुरेश राजे विजयी हो सके। इमरती को सबसे मजबूत प्रत्याशी माना जा रहा था, क्योंकि वह पिछले तीन चुनाव लम्बे मतो के अंतर से डबरा से जीती थी जिसके कारण कांग्रेस के सामने यह संकट था कि इमरती को आखिर कैसे हराया जा सके। वहीं इमरती पिछली जीत को लेकर आश्वस्त थी कि आखिर जीत का आंकड़ा कितना कम होगा और यही उनकी सबसे अधिक कमजोरी साबित हुई, क्योंकि उन्होंने यह नहीं देखा कि जब जीत मिली थी तब वह कांग्रेस में थी इसलिए वोटरों का झुकाव इमरती में नहीं बल्कि कांग्रेस में था, जबकि इमरती यह समझती रही है कि वोट मुझे स्वयं को मिले है। कांग्रेस के सुरेश राजे में भाजपा की प्रत्याशी इमरती देवी को 7265 वोट से हराया। इमरती की हार का सबसे अधिक दुख सिंधिया को हुआ होगा, क्योंकि इमरती ही एक मात्र ऐसी मंत्री थी जिन्होंने मीडिया के सामने कहा था रिक हमारे महाराज कह देंगे तो मैं कुए में भी कूद सकती हूं। वैसे सिंधिया ने भी उनके लिए खासी मेहनत की थी, लेकिन अंत में उनको हार मिली।

मतगणना होते ही अचलेश्वर पहुंची पर नहीं मिला आशीर्वाद :

मंगलवार को मतगणना शुरू होने के बाद से ही इमरती देवी कांग्रेस प्रत्याशी से आगे चल रही थी। यही कारण है कि वह अपनी जीत के प्रति पूरी तरह से आश्वस्त थी। मतगणना के कुछ राउंड होने के बाद इमरती अचलेश्वर मंदिर पहुंची और भोलेनाथ से आशीर्वाद मांगा पर लगता है कि उनको भोलेबाबा में आशीर्वाद नहीं दिया। यही कारण है कि 10 राउंड तक काफी आगे रहने के बाद भी इमरती आखिरी के कुछ राउंड में पिछड़ी तो फिर पीछे ही बनी रही और आखिर जब परिणाम आया तो उनको 7265 मतों से हार मिली।

जीत के बाद कांग्रेस नेताओं ने खाई इमरती :

डबरा में कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे की जीत के बाद कांग्रेस नेताओं ने एक दूसरे का मुंह मीठा कराया। ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष अशोक सिंह ने जमकर पसीना बहाया वहीं प्रभारी पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव ने डबरा के साथ ही करैरा में मेहनत की थी और कांग्रेस को दोनों ही सीट दिलाने में सफल रहे। सुरेश राजे की जीत के बाद पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, अशोक सिंह, पूर्व सांसद रामसेवक सिंह बाबूजी ने इमरती खाकर अपना मुंह मीठा कर जीत का जश्न मनाया।

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