कांग्रेसियों के आने से भाजपा के अंदर सुलग रही बगावत की चिंगारी
हाइलाइट्स :
भाजपा जिलाध्यक्ष का विरोध करने वाले जा सकते है कांग्रेस के पाले में
पूर्व साडा अध्यक्ष की कमलनाथ व दिग्गी से मुलाकात से गरमाई सियासत
ग्वालियर, मध्य प्रदेश। कांग्रेसियों को जिस तरह से भाजपा में शामिल किए जाने का क्रम चल रहा है उसके कारण भाजपा के अंदर ही बगावत की चिंगारी सुलगने लगी है। कई क्षेत्रों से भाजपा नेता इसको लेकर अपना विरोध भी दर्ज करा चुके हैं। अंचल में केन्द्रीय मंत्री के समर्थक माने जाने वाले कुछ भाजपा नेता भी इस समय नाराज चल रहे हैं और वह कांग्रेस से नजदीकियां तलाशने में लगे हुए हैं। उनकी नाराजगी का कारण भाजपा जिलाध्यक्ष पद पर कमल माखीजानी की नियुक्ति को लेकर है और तभी से उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया था।
भाजपा को विचारधारा वाली पार्टी माना जाता था, लेकिन जिस तरह से कांग्रेसियों के भाजपा में आने का क्रम शुरू हुआ उसके बाद से ही भाजपा नेताओं को लगने लगा है कि अब उनका भविष्य समाप्त होने जा रहा है, क्योंकि उप चुनाव में वही चेहरे भाजपा से होगें जिनका भाजपा विरोध करती आ रही है। अब जब कांग्रेसी से भाजपाई हुए चेहरे चुनावी मैदान में होगें तो भाजपा कार्यकर्ता उनके नाम का झंडा लेकर चलने में संकोच करेगा, क्योंकि उसमें कई सालों से इन्ही कांग्रेसियों से लड़ाई लड़ऩे का काम किया था। इसी दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष पद पर जब कमल माखीजानी की नियुक्ति की गई तो कुछ भाजपा नेताओं ने उसका खुला विरोध करना शुरू कर दिया था। इस विरोध की आवाज भोपाल से लेकर दिल्ली तक पहुंची थी और बाद में विरोध करने वालों से कहा गया था कि इंतजार करों सब ठीक हो जाएंगा। विरोध करने वालों ने इंतजार भी किया, लेकिन जब परिणाम कुछ नहीं आया तो अब उन्होंने कांग्रेस का रास्ता तलाशना शुरू कर दिया है।
45 साल पार्टी में खपाएं पर मिला क्या?
केन्द्रीय मंत्री के समर्थक माने जाने वाले पूर्व साडा अध्यक्ष जय सिंह कुशवाह अब आरपार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं, क्योंकि उन्होंने भाजपा जिलाध्यक्ष को लेकर जब विरोध जताया था तो भाजपा संगठन ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि जल्द ही इसका निराकरण कर दिया जाएगा। इस आश्वासन के बाद विरोध करने वालों ने इंतजार भी किया लेकिन समय जब देखा कि अब कुछ होने वाला नहीं तो उन्होंने अपना ट्रेक बदल दिया। पूर्व साडा अध्यक्ष जय सिंह कुशवाह की भोपाल में कमलनाथ व दिग्गी राजा के साथ हुई मुलाकात के बाद अब शहर की राजनीति गरमा गई है। इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे है, क्योंकि अब संकेत मिल रहा है कि अगर बात बनती है तो जय सिंह कुशवाह के साथ कई अन्य भाजपा नेता कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो उप चुनाव में भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है। जय सिंह की पीड़ा है कि उन्होंने अपने जीवन के 45 साल भाजपा के लिए समर्पित किए, लेकिन जब भी विधानसभा चुनाव के टिकट का मामला आता है तो बाहर से आने वाले को मौका दे दिया जाता है। यहां बता दें कि जब माया सिंह को भाजपा ने ग्वालियर पूर्व से टिकट दिया था उस समय भी जय सिंह कुशवाह ने विरोध के स्वर मुखर किए थे, लेकिन बाद में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने उनको मना लिया था। अब अचानक जय सिंह का भोपाल जाना और वहां कमलनाथ व दिग्गी राजा से मुलाकात करना यह संकेत दे रहे हैं कि भाजपा के अंदर अब सब कुछ ठीक नहीं है। इसके पीछे कारण यह भी बताया जा रहा है कि कांग्रेस से जो नेता भाजपा में आएं है उनको जिस तरह से सम्मान दिया जा रहा है उसके कारण भाजपा के मूल कार्यकर्ताओं एवं नेताओं में खासी पीड़ा हो रही है ओर इसके विरोध में भाजपा के अंदर से आवाजे उठने लगी हैं।
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