ग्वालियर : अवकाश खत्म होते ही खोले जाएंगे सिटी प्लानर के लॉकर

ग्वालियर, मध्य प्रदेश : रविवार एवं सोमवार को शासकीय अवकाश के चलते नहीं हो पाई जांच। मंगलवार को बैंक को पत्र लिखेगे ईओडब्लू अधिकारी।
अवकाश खत्म होते ही खोले जाएंगे सिटी प्लानर के लॉकर
अवकाश खत्म होते ही खोले जाएंगे सिटी प्लानर के लॉकरSocial Media

ग्वालियर, मध्य प्रदेश। नगर निगम में पदस्थ सिटी प्लानर के खिलाफ रविवार को ईओडब्लू द्वारा कोई जांच नहीं की गई। अधिकारियों के अनुसार छापामार कार्यवाही में घर से जप्त किए गए सम्पत्ति संबंधी दस्तावेजों की जांच की जा रही है। साथ ही अवकाश खत्म होने पर सिटी प्लानर के लॉकर खुलवाने एवं बैंक स्टेटमेंट निकलवाने के लिए बैंक को पत्र लिखा जाएगा।

आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्लू) द्वारा शनिवार को नगर निगम के सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा को पांच लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था। ईओडब्लू अधिकारियों ने सिटी प्लानर को यूनिवर्सिटी थाना लेजाकर पूछताछ की और एक दल ने घर पर छापा मारकर आय से अधिक सम्पत्ति के दस्तावेज खंगाले। इस दौरान घर से लगभग 11 बैंक पास बुक, जमीन एवं मकानों की रजिस्ट्री सहित अन्य दस्तावेज बरामद किए गए। साथ ही सोने के गहने की कीमत भी आंकी गई। देर रात तक यह कार्यवाही चल रही थी। लेकिन रविवार को कार्यवाही लगभग बंद रही। न तो आय से अधिक सम्पत्ति के लिए अन्य दस्तावेज खंगाले गए और न ही पुरानी शिकायतों को खंगाला गया। ईओडब्लू द्वारा की गई इस कार्यवाही को पूरे शहर में चर्चा चल रही है और नगर निगम अधिकारी भी दिन पर इन्हीं बातों में मशगूल रहे। सभी को लग रहा था कि रविवार को भी जांच होगी और कई अन्य जानकरी भी निकल कर सामने आयंगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

मंत्री के आदेश पर शुरू हुआ सेंटलमेंट :

इस मामले में बिल्डर धर्मेन्द्र भारद्वाज द्वारा पैसे मांगने की शिकायत हुई थी। ईओडब्लू एसपी अमित सिंह ने भी पूरे मामले को अ'छी तरह से हैंडल किया और फुल फ्रूप प्लानिंग के साथ सिटी प्लानर को रंगे हाथों दबोच लिया। लेकिन कार्यवाही की जानकारी सामने जाते ही अधिकारियों के ऊपर राजनीतिक दबाव आना शुरू हो गया। सूत्रों के अनुसार एक मंत्री का फोन आते ही ईओडब्लू अधिकारियों के हौंसले पस्त हो गए और अब अधिकारी मामले को सेटल करने में जुट गए हैं।

कद्दावर मंत्री एवं बिल्डर ने दी थी कार्यवाही की छूट :

सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा के रिश्ते किसी से भी ठीक नहीं थे। कांग्रेस शासन काल में उन्हें एक मंत्री का नजदीकी बताया जाता था और उनके कहने पर ही उपयंत्री रहते हुए सिटी प्लानर का पद दिया गया। इसी दौरान चले एंटी माफिया अभियान में सिटी सेंटर में होटल लास्फायर को तोड़ा गया था और इस होटल में भाजपा नेता एवं मंत्री का पैसा लगे होने की बात सामने आई थी। साथ ही बिल्डर ने भी होटल तोडऩे के पीछे तत्कालीन अपर कलेक्टर एवं सिटी प्लानर पर ही आरोप लगाए थे। इसके बाद भाजपा सरकार बनने पर संबंधित मंत्री के साथ सिटी प्लानर के रिश्ते ठीक नहीं रहे। सूत्रों के अनुसार इन्हीं मंत्री की शय पर ईओडब्लू इतनी बड़ी कार्यवाही करने की हिम्मत जुटा पाया।

इनका कहना है :

रविवार को अवकाश था इसलिए जांच को आगे नहीं बढ़ाया गया है। अवकाश खत्म होते ही हम बैंक को पत्र लिखकर स्टेटमेंट निकलवाएंगे। अगर लॉकर हुए तो उन्हें भी खुलवाया जाएगा।

अमित सिंह, एसपी, ईओडब्ल्यू

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