भोपाल, मध्यप्रदेश। आज यानि 15 अप्रैल को सिखों के पांचवें गुरु अर्जन देव की जयंती है, आज के दिन (15 अप्रैल 1563) अर्जुन देव जी का जन्म गोइंदवाल साहिब में हुआ था, इनके पिता गुरु रामदास सिख धर्म के चौथे गुरु थे, अर्जन देव अपने पिता के तीसरे और सबसे छोटे बेटे थे। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पांचवें सिख गुरु अर्जन देव की जयंती पर उन्हें नमन किया।
सीएम ने किया ट्वीट
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज निवास सभा कक्ष में 5वें सिख गुरू अर्जुन देव जी की जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर माल्यार्पण, पुष्प अर्पित कर सादर नमन किया।
नरोत्तम मिश्रा ने किया ट्वीट-
मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने किया ट्वीट "सुखमनीसुख अमृत प्रभु नामु, भगत जनां के मन बिसरामु॥" मिश्रा ने कहा कि मानवता, धर्म एवं संस्कृति की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले अमर बलिदानी और सिख धर्म के पाँचवें गुरु अर्जन देव की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन।
जानकारी के मुताबिक अर्जन देव का धर्म के प्रति समर्पण, निर्मल हृदय और कर्तव्य निष्ठा को देखकर 1581 ईस्वी में उन्हें उनके पिता ने पांचवें गुरु के रुप में गद्दी दी थी, बता दें कि इन्हें गुरु अर्जुन देव के नाम से भी जाना जाता है, गुरुवाणी की कई रचनाएं करने वाले गुरु अर्जन देव ने गुरु ग्रंथ साहिब के संपादन में अहम योगदान दिया है, करतारपुर सहित कई नगरों की स्थापना करने वाले गुरु अर्जन देव को क्रूर यातना का भी सामना करना पड़ा था।
आपको बताते चलें कि मानवता के सच्चे सेवक, धर्म के रक्षक, शांत और गंभीर स्वभाव के स्वामी गुरू अर्जुन देव अपने युग के सर्वमान्य लोकनायक थे, वह दिन-रात संगत की सेवा में लगे रहते थे, उनके मन में सभी धर्मों के प्रति अथाह सम्मान था, मानवता के उच्च आदर्शों और मानवीय मूल्यों की रक्षा के सिलसिले में किसी सिख द्वारा दी गई यह पहली शहादत मानी जाती है, यही कारण है कि उन्हें शहीदों का सरताज कहा जाता है।
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